02-05-2024        प्रात:मुरली    ओम् शान्ति     "बापदादा"        मधुबन


“मीठे बच्चे - ज्ञान की बुलबुल बन आप समान बनाने की सेवा करो, जांच करो कि कितनों को आप समान बनाया है, याद का चार्ट क्या है?''

प्रश्नः-
भगवान् अपने बच्चों से कौन-सी प्रॉमिस करते हैं जो मनुष्य नहीं कर सकते?

उत्तर:-
भगवान् प्रॉमिस करते - बच्चे, मैं तुमको अपने घर जरूर ले जाऊंगा। तुम श्रीमत पर चलकर पावन बनेंगे तो मुक्ति और जीवनमुक्ति में जायेंगे। नहीं तो मुक्ति में हर एक को जाना ही है। कोई चाहे, न चाहे, जबरदस्ती भी हिसाब-किताब चुक्तू कराके ले जाऊंगा। बाबा कहते जब मैं आता हूँ तो तुम सबकी वानप्रस्थ अवस्था होती है, मैं सबको ले जाता हूँ।

धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) इस शरीर को भी भूल पूरा पवित्र बेगर बनना है। लाइन क्लीयर रखनी है। बुद्धि में रहे - अब नाटक पूरा हुआ, हम जाते हैं अपने स्वीट होम।

2) पढ़ाई के हर कदम में पद्म हैं, इसलिए अच्छी तरह रोज़ पढ़ना है। देवता घराने का भाती बनने का पुरूषार्थ करना है। अपने आपसे पूछना है कि हमें अतीन्द्रिय सुख कहाँ तक भासता है? खुशी रहती है?

वरदान:-
बुद्धि के साथ और सहयोग के हाथ द्वारा मौज का अनुभव करने वाले खुशनसीब आत्मा भव

जैसे सहयोग की निशानी हाथ में हाथ दिखाते हैं। ऐसे बाप के सदा सहयोगी बनना - यह है हाथ में हाथ और सदा बुद्धि से साथ रहना अर्थात् मन की लग्न एक में हो। सदा यही स्मृति रहे कि गाडली गार्डन में हाथ में हाथ देकर साथ-साथ चल रहे हैं। इससे सदा मनोरंजन में रहेंगे, सदा खुश और सम्पन्न रहेंगे। ऐसी खुशनसीब आत्मायें सदा ही मौज का अनुभव करती रहती हैं।

स्लोगन:-
दुआओं का खाता जमा करने का साधन है - सन्तुष्ट रहना और सन्तुष्ट करना।