04-05-2024 प्रात:मुरली ओम् शान्ति "बापदादा" मधुबन
“मीठे बच्चे - बाप जो
सुनाते हैं, वह तुम्हारे दिल पर छप जाना चाहिए, तुम यहाँ आये हो सूर्यवंशी घराने
में ऊंच पद पाने, तो धारणा भी करनी है''
प्रश्नः-
सदा रिफ्रेश
रहने का साधन क्या है?
उत्तर:-
जैसे
गर्मी में पंखे चलते हैं तो रिफ्रेश कर देते हैं, ऐसे सदा स्वदर्शन चक्र फिराते रहो
तो रिफ्रेश रहेंगे। बच्चे पूछते हैं - स्वदर्शन चक्रधारी बनने में कितना समय लगता
है? बाबा कहते - बच्चे, एक सेकण्ड। तुम बच्चों को स्वदर्शन चक्रधारी जरूर बनना है
क्योंकि इससे ही तुम चक्रवर्ती राजा बनेंगे। स्वदर्शन चक्र फिराने वाले सूर्यवंशी
बनते हैं।
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) एक बाप के संग से स्वयं को पारसबुद्धि बनाना है। सम्पूर्ण निर्विकारी
बनना है। कुसंग से दूर रहना है।
2) सदा इसी खुशी में रहना है कि हम स्वदर्शन चक्रधारी सो नई दुनिया के मालिक
चक्रवर्ती बनते हैं। शिवबाबा आये हैं हमें ज्ञान सूर्यवंशी बनाने। हमारा लक्ष्य ही
यह है।
वरदान:-
विघ्नों को
मनोरंजन का खेल समझ पार करने वाले निर्विघ्न, विजयी भव
विघ्न आना यह अच्छी बात है
लेकिन विघ्न हार न खिलाये। विघ्न आते ही हैं मजबूत बनाने के लिए, इसलिए विघ्नों से
घबराने के बजाए उन्हें मनोरंजन का खेल समझ पार कर लो तब कहेंगे निर्विघ्न विजयी। जब
सर्वशक्ति-मान बाप का साथ है तो घबराने की कोई बात ही नहीं। सिर्फ बाप की याद और
सेवा में बिजी रहो तो निर्विघ्न रहेंगे। जब बुद्धि फ्री होती है तब विघ्न वा माया
आती है, बिजी रहो तो माया वा विघ्न किनारा कर लेंगे।
स्लोगन:-
सुख के
खाते को जमा करने के लिए मर्यादा-पूर्वक दिल से सबको सुख दो।