06-04-2024 प्रात:मुरली ओम् शान्ति "बापदादा" मधुबन
“मीठे बच्चे - श्रीमत पर
अच्छी सर्विस करने वालों को ही राजाई की प्राइज़ मिलती है, तुम बच्चे अभी बाप के
मददगार बने हो इसलिए तुम्हें बहुत बड़ी प्राइज़ मिलती है''
प्रश्नः-
बाप की ज्ञान
डांस किन बच्चों के सम्मुख बहुत अच्छी होती है?
उत्तर:-
जो
ज्ञान के शौकीन हैं, जिन्हें योग का नशा है, उनके सामने बाप की ज्ञान डांस बहुत
अच्छी होती है। नम्बरवार स्टूडेन्ट हैं। परन्तु यह वन्डरफुल स्कूल है। कइयों में जरा
भी ज्ञान नहीं है, सिर्फ भावना बैठी हुई है, उस भावना के आधार पर भी वर्से के
अधिकारी बन जाते हैं।
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) आत्मा रूपी ज्योति को प्रज्जवलित करने के लिए सवेरे-सवेरे याद की
यात्रा में बैठना है। याद से ही जंक निकलेगी। आत्मा में जो खाद पड़ी है वह याद से
निकाल सच्चा सोना बनना है।
2) बाप से ऊंच पद की प्राइज़ लेने के लिए भावना के साथ-साथ ज्ञानवान और गुणवान
भी बनना है। सर्विस करके दिखाना है।
वरदान:-
चलन और चेहरे
से पवित्रता के श्रृंगार की झलक दिखाने वाले श्रंगारी मूर्त भव
पवित्रता ब्राह्मण जीवन का
श्रंगार है। हर समय पवित्रता के श्रंगार की अनुभूति चेहरे वा चलन से औरों को हो।
दृष्टि में, मुख में, हाथों में, पांवों में सदा पवित्रता का श्रंगार प्रत्यक्ष हो।
हर एक वर्णन करे कि इनके फीचर्स से पवित्रता दिखाई देती है। नयनों में पवित्रता की
झलक है, मुख पर पवित्रता की मुस्कराहट है। और कोई बात उन्हें नज़र न आये - इसको ही
कहते हैं - पवित्रता के श्रंगार से श्रंगारी हुई मूर्त।
स्लोगन:-
व्यर्थ
सम्बन्ध-सम्पर्क भी एकाउन्ट को खाली कर देता है इसलिए व्यर्थ को समाप्त करो।