12-04-2024        प्रात:मुरली    ओम् शान्ति     "बापदादा"        मधुबन


“मीठे बच्चे - बाप का प्यार तो सभी बच्चों से है लेकिन जो बाप की राय को फौरन मान लेते हैं, उनकी कशिश होती है। गुणवान बच्चे प्यार खींचते हैं''

प्रश्नः-
बाप ने कौन-सा कॉन्ट्रैक्ट उठाया है?

उत्तर:-
सभी को गुलगुल (फूल) बनाकर वापस ले जाने का कॉन्ट्रैक्ट (ठेका) एक बाप का है। बाप जैसा कॉन्ट्रैक्टर दुनिया में और कोई नहीं। वही सर्व की सद्गति करने आते हैं। बाप सर्विस के बिगर रह नहीं सकते। तो बच्चों को भी सर्विस का सबूत देना है। सुना-अनसुना नहीं करना है।

धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) रोज रात में पोतामेल देखना है कि अति मीठे बाबा को सारे दिन में कितना याद किया? अपना शो करने के लिए पोतामेल नहीं रखना है, गुप्त पुरुषार्थ करना है।

2) बाप जो सुनाते हैं, उस पर विचार सागर मंथन करना है, सर्विस का सबूत देना है। सुना अनसुना नहीं करना है। अन्दर कोई भी आसुरी अवगुण है तो उसे चेक करके निकालना है।

वरदान:-
वैराग्य वृत्ति द्वारा इस असार संसार से लगाव मुक्त रहने वाले सच्चे राजऋषि भव

राऋषि अर्थात् राज्य होते हुए भी बेहद के वैरागी, देह और देह की पुरानी दुनिया में जरा भी लगाव नहीं क्योंकि जानते हैं यह पुरानी दुनिया है ही असार संसार, इसमें कोई सार नहीं है। असार संसार में ब्राह्मणों का श्रेष्ठ संसार मिल गया इसलिए उस संसार से बेहद का वैराग्य अर्थात् कोई भी लगाव नहीं। जब किसी में भी लगाव वा झुकाव न हो तब कहेंगे राजऋषि वा तपस्वी।

स्लोगन:-
युक्तियुक्त बोल वह हैं जो मधुर और शुभ भावना सम्पन्न हो।