16-04-2024 प्रात:मुरली ओम् शान्ति "बापदादा" मधुबन
“मीठे बच्चे - तुम्हें
सतोप्रधान बनना है तो बाप को प्यार से याद करो, पारसनाथ शिवबाबा तुम्हें पारसपुरी
का मालिक बनाने आये हैं''
प्रश्नः-
तुम बच्चे किस
एक बात की धारणा से ही महिमा योग्य बन जायेंगे?
उत्तर:-
बहुत-बहुत निर्माण-चित बनो। किसी भी बात का अहंकार नहीं होना चाहिए। बहुत मीठा बनना
है। अहंकार आया तो दुश्मन बन जाते हैं। ऊंच अथवा नींच, पवित्रता की बात पर बनते
हैं। जब पवित्र हैं तो मान है, अपवित्र हैं तो सबको माथा टेकते हैं।
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1. सर्विस की युक्ति सीखकर बहुत-बहुत होशियार और चमत्कारी बनना है। धारणा
कर फिर दूसरों को करानी है। पढ़ाई से अपनी तकदीर आपेही बनानी है।
2. किसी भी बात में जरा भी अहंकार नहीं दिखाना है, बहुत-बहुत मीठा और निर्माणचित
बनना है। माया रूपी ग्राह से अपनी सम्भाल करनी है।
वरदान:-
बीती को
श्रेष्ठ विधि से बीती कर यादगार स्वरूप बनाने वाले पास विद आनर भव
“पास्ट इज़ पास्ट'' तो होना
ही है। समय और दृश्य सब पास हो जायेंगे लेकिन पास विद आनर बनकर हर संकल्प वा समय को
पास करो अर्थात् बीती को ऐसी श्रेष्ठ विधि से बीती करो, जो बीती को स्मृति में लाते
ही वाह, वाह के बोल दिल से निकलें। अन्य आत्मायें आपकी बीती हुई स्टोरी से पाठ पढ़ें।
आपकी बीती, यादगार-स्वरूप बन जाए तो कीर्तन अर्थात् कीर्ति गाते रहेंगे।
स्लोगन:-
स्व
कल्याण का श्रेष्ठ प्लैन बनाओ तब विश्व सेवा में सकाश मिलेगी।