22-04-2024 प्रात:मुरली ओम् शान्ति "बापदादा" मधुबन
“मीठे बच्चे - सर्व का
सद्गति दाता एक बाप है, बाप जैसी निष्काम सेवा और कोई भी नहीं कर सकता''
प्रश्नः-
न्यु वर्ल्ड
स्थापन करने में बाप को कौन-सी मेहनत करनी पड़ती है?
उत्तर:-
एकदम
अजामिल जैसे पापियों को फिर से लक्ष्मी-नारायण जैसे पूज्य देवता बनाने की मेहनत बाप
को करनी पड़ती है। बाप तुम बच्चों को देवता बनाने की मेहनत करते। बाकी सर्व आत्मायें
वापिस शान्तिधाम जाती हैं। हर एक को अपना हिसाब-किताब चुक्तू कर लायक बनकर वापस घर
जाना है।
गीत:-
इस पाप की
दुनिया से......
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) डबल अहिंसक बन योगबल से इस हेल को हेविन बनाना है। तमोप्रधान से
सतोप्रधान बनने का पुरूषार्थ करना है।
2) एक बाप को पूरा-पूरा फालो करना है। सच्चा-सच्चा ब्राह्मण बन योग-अग्नि से
विकर्मों को दग्ध करना है। सबको काम चिता से उतार ज्ञान चिता पर बिठाना है।
वरदान:-
नि:स्वार्थ और
निर्विकल्प स्थिति से सेवा करने वाले सफलता मूर्त भव
सेवा में सफलता का आधार
आपकी नि:स्वार्थ और निर्विकल्प स्थिति है। इस स्थिति में रहने वाले सेवा करते स्वयं
भी सन्तुष्ट और हर्षित रहते और उनसे दूसरे भी सन्तुष्ट रहते। सेवा में संगठन होता
है और संगठन में भिन्न-भिन्न बातें, भिन्न-भिन्न विचार होते हैं। लेकिन अनेकता में
मूंझो नहीं। ऐसा नहीं सोचो किसका मानें, किसका नहीं मानें। नि:स्वार्थ और
निर्विकल्प भाव से निर्णय लो तो किसी को भी व्यर्थ संकल्प नहीं आयेगा और सफलता
मूर्त बन जायेंगे।
स्लोगन:-
अब
सकाश द्वारा बुद्धियों को परिवर्तन करने की सेवा प्रारम्भ करो।