25-04-2024 प्रात:मुरली ओम् शान्ति "बापदादा" मधुबन
“मीठे बच्चे - यह
पुरूषोत्तम युग ही गीता एपीसोड है, इसमें ही तुम्हें पुरूषार्थ कर उत्तम पुरूष
अर्थात् देवता बनना है''
प्रश्नः-
किस एक बात का
सदा ध्यान रहे तो बेड़ा पार हो जायेगा?
उत्तर:-
सदा
ध्यान रहे कि हमें ईश्वरीय संग में रहना है तो भी बेड़ा पार हो जायेगा। अगर सगंदोष
में आये, संशय आया तो बेड़ा विषय सागर में डूब जायेगा। बाप जो समझाते हैं उसमें
बच्चों को जरा भी संशय नहीं आना चाहिए। बाप तुम बच्चों को आप समान पवित्र और
नॉलेजफुल बनाने आये हैं। बाप के संग में ही रहना है।
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) जो बात बीत गई, उसका चिंतन नहीं करना है। अब तक जो कुछ पढ़ा उसे भूलना
है, एक बाप से सुनना है और अपने ब्राह्मण कुल को सदा याद रखना है।
2) पूरा निश्चयबुद्धि होकर रहना है। किसी भी बात में संशय नहीं उठाना है।
ईश्वरीय संग और पढ़ाई कभी भी नहीं छोड़ना है।
वरदान:-
रूहानी माशूक
की आकर्षण में आकर्षित हो मेहनत से मुक्त होने वाले रूहानी आशिक भव
माशूक अपने खोये हुए आशिकों
को देख खुश होते हैं। रूहानी आकर्षण से आकर्षित हो अपने सच्चे माशूक को जान लिया,
पा लिया, यथार्थ ठिकाने पर पहुंच गये। जब ऐसी आशिक आत्मायें इस मोहब्बत की लकीर के
अन्दर पहुंचती हैं तो अनेक प्रकार की मेहनत से छूट जाती हैं क्योंकि यहाँ ज्ञान
सागर के स्नेह की लहरें, शक्ति की लहरें... सदा के लिए रिफ्रेश कर देती हैं। यह
मनोरंजन का विशेष स्थान, मिलने का स्थान आप आशिकों के लिए माशूक ने बनाया है।
स्लोगन:-
एकान्तवासी बनने के साथ-साथ एकनामी और एकानामी वाले बनो।