27-04-2024        प्रात:मुरली    ओम् शान्ति     "बापदादा"        मधुबन


“मीठे बच्चे - तुम आये हो बाप से हेल्थ, वेल्थ, हैपीनेस का वर्सा लेने, ईश्वरीय मत पर चलने से ही बाप का वर्सा मिलता है''

प्रश्नः-
बाप ने सभी बच्चों को विकल्प जीत बनने की युक्ति कौन-सी बताई है?

उत्तर:-
विकल्प जीत बनने के लिए अपने को आत्मा समझ भाई-भाई की दृष्टि से देखो। शरीर को देखने से विकल्प आते हैं, इसलिए भ्रकुटी में आत्मा भाई को देखो। पावन बनना है तो यह दृष्टि पक्की रखो। निरन्तर पतित-पावन बाप को याद करो। याद से ही कट निकलती जायेगी, खुशी का पारा चढ़ेगा और विकल्पों पर विजय प्राप्त कर लेंगे।

धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) पढ़ाई पर पूरा ध्यान देकर स्वयं को सम्पत्तिवान बनाना है। कुछ भी मांगना नहीं है। एक बाप की याद और पवित्रता की धारणा से पद्मापद्मपति बनना है।

2) राहू के ग्रहण से मुक्त होने के लिए विकारों का दान देना है। हियर नो ईविल... जिन बातों से सीढ़ी नीचे उतरे, निर्गुण बनें, उन्हें बुद्धि से भूल जाना है।

वरदान:-
“पहले आप'' के मंत्र द्वारा सर्व का स्वमान प्राप्त करने वाले निर्माण सो महान भव

यही महामंत्र सदा याद रहे कि “निर्माण ही सर्व महान है''। “पहले आप'' करना ही सर्व से स्वमान प्राप्त करने का आधार है। महान बनने का यह मंत्र वरदान रूप में सदा साथ रखना। वरदानों से ही पलते, उड़ते मंजिल पर पहुंचना। मेहनत तब करते हो जब वरदानों को कार्य में नहीं लगाते। अगर वरदानों से पलते रहो, वरदानों को कार्य में लगाते रहो तो मेहनत समाप्त हो जायेगी। सदा सफलता और सन्तुष्टता का अनुभव करते रहेंगे।

स्लोगन:-
सूरत द्वारा सेवा करने के लिए अपना मुस्कराता हुआ रमणीक और गम्भीर स्वरूप इमर्ज करो।