01-06-2025     प्रात:मुरली  ओम् शान्ति 21.10.2005 "बापदादा"    मधुबन


सम्पूर्ण और सम्पन्न बनने की डेट फिक्स कर समय प्रमाण अब एवररेडी बनो


वरदान:-
प्रत्यक्षता के समय को समीप लाने वाले सदा शुभ चिंतक और स्व चिंतक भव

सेवा में सफलता का आधार है शुभ चिंतक वृत्ति क्योंकि आपकी यह वृत्ति आत्माओं की ग्रहण शक्ति वा जिज्ञासा को बढ़ाती है, इससे वाणी की सेवा सहज सफल हो जाती है और स्व के प्रति स्व चिंतन करने वाली स्वचिंतक आत्मा सदा माया प्रूफ, किसी की भी कमजोरियों को ग्रहण करने से, व्यक्ति व वैभव की आकर्षण से प्रूफ हो जाती है। तो जब यह दोनों वरदान प्रैक्टिकल जीवन में लाओ तब प्रत्यक्षता का समय समीप आये।

स्लोगन:-
अपने संकल्पों को भी अर्पण कर दो तो सर्व कमजोरियां स्वत:दूर हो जायेंगी।

अव्यक्त इशारे - आत्मिक स्थिति में रहने का अभ्यास करो, अन्तर्मुखी बनो

परमात्म प्यार का अनुभव करने के लिए अन्तर्मुखी बन इस देह से न्यारे देही (आत्मिक) रूप में स्थित रहने का अभ्यास बढ़ाओ। सदा अन्तर्मुखता की गुफा में रहो तो पुरानी दुनिया के वातावरण से परे होते जायेंगे। वातावरण के प्रभाव में नहीं आयेंगे।