01-07-2024 प्रात:मुरली ओम् शान्ति "बापदादा" मधुबन
“मीठे बच्चे - शान्तिधाम
पावन आत्माओं का घर है, उस घर में चलना है तो सम्पूर्ण पावन बनो''
प्रश्नः-
बाप सभी बच्चों
से कौन-सी गैरन्टी करते हैं?
उत्तर:-
मीठे बच्चे,
तुम मुझे याद करो तो मैं गैरन्टी करता हूँ कि बिगर सज़ा खाये तुम मेरे घर में चलेंगे।
तुम एक बाप से दिल लगाओ, इस पुरानी दुनिया को देखते भी नहीं देखो, इस दुनिया में
रहते पवित्र बनकर दिखाओ, तो बाबा तुम्हें विश्व की बादशाही अवश्य देंगे।
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) बाप का प्यारा बनने के लिए पूरा फ़कीर बनना है। देह को भी भूल स्वयं
को आत्मा समझना ही फ़कीर बनना है। बाप से बड़े ते बड़ी प्राइज़ लेने के लिए
सम्पूर्ण पावन बनकर दिखाना है।
2) वापस घर जाना है इसलिए पुरानी दुनिया से दिल नहीं लगानी है। एक माशूक से ही
दिल लगानी है। बाप और राजधानी को याद करना है।
वरदान:-
ब्राह्मण जीवन
में सदा चियरफुल और केयरफुल मूड में रहने वाले कम्बाइन्ड रूपधारी भव
यदि किसी भी परिस्थिति में
प्रसन्नता की मूड परिवर्तन होती है तो उसे सदाकाल की प्रसन्नता नहीं कहेंगे।
ब्राह्मण जीवन में सदा चियरफुल और केयरफुल मूड हो। मूड बदलनी नहीं चाहिए। जब मूड
बदलती है तो कहते हैं मुझे तो एकान्त चाहिए। आज मेरा मूड ऐसा है। मूड बदलती तब है
जब अकेले होते हो, सदा कम्बाइन्ड रूप में रहो तो मूड नहीं बदलेगी।
स्लोगन:-
कोई भी
उत्सव मनाना अर्थात् याद और सेवा के उत्साह में रहना।