01-10-2025 प्रात:मुरली ओम् शान्ति "बापदादा" मधुबन
“मीठे बच्चे - रोज़ रात को
अपना पोतामेल निकालो, डायरी रखो तो डर रहेगा कि कहीं घाटा न पड़ जाए''
प्रश्नः-
कल्प पहले वाले
भाग्यशाली बच्चों को बाप की कौन सी बात फौरन टच होगी?
उत्तर:-
बाबा रोज़-रोज़
जो बच्चों को याद की युक्तियां बतलाते हैं, वह भाग्यशाली बच्चों को ही टच होती
रहेंगी। वह उन्हें फौरन अमल में लायेंगे। बाबा कहते बच्चे कुछ टाइम एकान्त में बगीचे
में जाकर बैठो। बाबा से मीठी-मीठी बातें करो, अपना चार्ट रखो तो उन्नति होती रहेगी।
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) ज्ञान के तीसरे नेत्र को धारण कर अपनी धोखेबाज आंखों को सिविल बनाना
है। याद से ही कर्मेन्द्रियां शीतल, सतोगुणी बनेगी इसलिए यही मेहनत करनी है।
2) धन्धे आदि से टाइम निकाल एकान्त में जाकर याद में बैठना है। कारण देखना है कि
हमारा योग क्यों नहीं लगता है। अपना चार्ट जरूर रखना है।
वरदान:-
सहनशक्ति
द्वारा अविनाशी और मधुर फल प्राप्त करने वाले सर्व के स्नेही भव
सहन करना मरना नहीं है
लेकिन सबके दिलों में स्नेह से जीना है। कैसा भी विरोधी हो, रावण से भी तेज हो, एक
बार नहीं 10 बार सहन करना पड़े फिर भी सहनशक्ति का फल अविनाशी और मधुर है। सिर्फ यह
भावना नहीं रखो कि मैंने इतना सहन किया तो यह भी कुछ करे। अल्पकाल के फल की भावना
नहीं रखो। रहम भाव रखो - यही है सेवा भाव। सेवा भाव वाले सर्व की कमजोरियों को समा
लेते हैं। उनका सामना नहीं करते।
स्लोगन:-
जो बीत
चुका उसको भूल जाओ, बीती बातों से शिक्षा लेकर आगे के लिए सदा सावधान रहो।
अव्यक्त इशारे -
स्वयं और सर्व के प्रति मन्सा द्वारा योग की शक्तियों का प्रयोग करो
जैसे बापदादा को
रहम आता है, ऐसे आप बच्चे भी मास्टर रहमदिल बन अपनी मन्सा वृत्ति से वायुमण्डल
द्वारा आत्माओं को बाप द्वारा मिली हुई शक्तियां दो। जब थोड़े समय में सारे विश्व
की सेवा सम्पन्न करनी है, तत्वों सहित सबको पावन बनाना है तो मन्सा द्वारा तीव्रगति
से सेवा करो, योग की शक्तियों का प्रयोग करो।