02-07-2025 प्रात:मुरली ओम् शान्ति "बापदादा" मधुबन
“मीठे बच्चे - तुम डबल
अहिंसक रूहानी सेना हो तुम्हें श्रीमत पर अपनी दैवी राजधानी स्थापन करनी है''
प्रश्नः-
तुम रूहानी
सेवाधारी बच्चे सभी को किस बात की चेतावनी देते हो?
उत्तर:-
तुम सभी को
चेतावनी देते हो कि यह वही महाभारत लड़ाई का समय है, अब यह पुरानी दुनिया विनाश होनी
है, बाप नई दुनिया की स्थापना करा रहे हैं। विनाश के बाद फिर जयजयकार होगी। तुम्हें
आपस में मिलकर राय करनी चाहिए कि विनाश के पहले सबको बाप का परिचय कैसे मिले।
गीत:-
तूने रात
गँवाई सो के........
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) बाप विश्व का मालिक बनने की पढ़ाई पढ़ाने आये हैं इसलिए कभी ऐसा नहीं
कहना कि हमें फुर्सत नहीं। श्रीमत पर तन-मन-धन से भारत को स्वर्ग बनाने की सेवा करनी
है।
2) आपस में बहुत मीठी-मीठी ज्ञान की बातें सुननी और सुनानी है। बाप का यह
डायरेक्शन सदा याद रहे - हियर नो ईविल, टॉक नो ईविल......।
वरदान:-
हद की सर्व
कामनाओं पर जीत प्राप्त करने वाले कामजीत जगतजीत भव
काम विकार का अंश सर्व हद
की कामनायें हैं। कामना एक है वस्तुओं की, दूसरी है व्यक्ति द्वारा हद के प्राप्ति
की, तीसरी है सम्बन्ध निभाने में, चौथी है सेवा भावना में हद की कामना का भाव। किसी
भी व्यक्ति या वस्तु के प्रति विशेष आकर्षण होना - इच्छा नहीं है लेकिन यह अच्छा
लगता है, यह भी काम विकार का अंश है। जब यह सूक्ष्म अंश भी समाप्त हों तब कहेंगे
काम जीत जगतजीत।
स्लोगन:-
दिल की
महसूसता से दिलाराम बाप की आशीर्वाद लेने के अधिकारी बनो।
अव्यक्त इशारे -
संकल्पों की शक्ति जमा कर श्रेष्ठ सेवा के निमित्त बनो
मन जो स्वयं एक
सूक्ष्म शक्ति है, वह कन्ट्रोल में हो अर्थात् आर्डर प्रमाण कार्य करे तो पास विद
आनर अथवा राज्य अधिकारी बन जायेंगे। संकल्प शक्ति को जमा करने के लिए जो सोचो वही
करो, स्टॉप कहो तो संकल्प स्टॉप हो जाए, सेवा का सोचो तो सेवा में लग जाए। परमधाम
का सोचो तो परमधाम में पहुंच जाए। ऐसी कन्ट्रोलिंग पावर बढ़ाओ।