02-11-2024 प्रात:मुरली ओम् शान्ति "बापदादा" मधुबन
“मीठे बच्चे - संगमयुग
तकदीरवान बनने का युग है, इसमें तुम जितना चाहो उतना अपने भाग्य का सितारा चमका सकते
हो''
प्रश्नः-
अपने
पुरूषार्थ को तीव्र करने का सहज साधन क्या है?
उत्तर:-
फालो फादर करते
चलो तो पुरूषार्थ तीव्र हो जायेगा। बाप को ही देखो, मदर तो गुप्त है। फालो फादर करने
से बाप समान ऊंच बनेंगे इसलिए एक्यूरेट फालो करते रहो।
प्रश्नः-
बाप किन बच्चों
को बुद्धू समझते हैं?
उत्तर:-
जिन्हें बाप के मिलने की भी खुशी नहीं - वह बुद्धू हुए ना। ऐसा बाप जो विश्व का
मालिक बनाता, उसका बच्चा बनने के बाद भी खुशी न रहे तो बुद्धू ही कहेंगे ना।
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) सुखधाम के वर्से का पूरा अधिकार लेने के लिए संगम पर रूहानी जादूगर
बन बाप को भी अपना बच्चा बना लेना है। पूरा-पूरा बलिहार जाना है।
2) स्वदर्शन चक्रधारी बन स्वयं को लकी सितारा बनाना है। विहंग मार्ग की सर्विस
के निमित्त बन ऊंच पद लेना है। गांव-गांव में सर्विस करनी है। साथ-साथ याद का चार्ट
भी जरूर रखना है।
वरदान:-
दृढ़ संकल्प
की तीली से आत्मिक बाम्ब की आतिशबाजी जलाने वाले सदा विजयी भव
आजकल आतिशबाजी में बाम्ब
बनाते हैं लेकिन आप दृढ़ संकल्प की तीली से आत्मिक बाम्ब की आतिशबाजी जलाओ जिससे
पुराना सब समाप्त हो जाए। वह लोग तो आतिशबाजी में पैसा गंवायेंगे और आप कमायेंगे।
वह आतिशबाजी है और आपकी उड़ती कला की बाजी है। इसमें आप विजयी बन जाते हो। तो डबल
फायदा लो, जलाओ भी, कमाओ भी - यह विधि अपनाओ।
स्लोगन:-
किसी
विशेष कार्य में मददगार बनना ही दुआओं की लिफ्ट लेना है।