03-01-2025        प्रात:मुरली    ओम् शान्ति     "बापदादा"        मधुबन


“मीठे बच्चे - निराकार बाप तुम्हें अपनी मत देकर आस्तिक बनाते हैं, आस्तिक बनने से ही तुम बाप का वर्सा ले सकते हो''

प्रश्नः-
बेहद की राजाई प्राप्त करने के लिए किन दो बातों पर पूरा-पूरा अटेन्शन देना चाहिए?

उत्तर:-
1-पढ़ाई और 2-सर्विस। सर्विस के लिए लक्षण भी बहुत अच्छे चाहिए। यह पढ़ाई बहुत वन्डरफुल है इससे तुम राजाई प्राप्त करते हो। द्वापर से धन दान करने से राजाई मिलती है लेकिन अभी तुम पढ़ाई से प्रिन्स-प्रिन्सेज बनते हो।

गीत:-
हमारे तीर्थ न्यारे हैं..........

धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) ज्ञान को जीवन में धारण कर फिर सर्विस करनी है। जो जास्ती सर्विस करते हैं, अच्छे लक्षण हैं उनका रिगॉर्ड भी जरूर रखना है।

2) कर्म करते याद में रहने की आदत डालनी है। सर्विस की सफलता के लिए अपनी अवस्था देही-अभिमानी बनानी है। दिल साफ रखनी है।

वरदान:-
सर्व समस्याओं की विदाई का समारोह मनाने वाले समाधान स्वरूप भव

समाधान स्वरूप आत्माओं की माला तब तैयार होगी जब आप अपनी सम्पूर्ण स्थिति में स्थित होंगे। सम्पूर्ण स्थिति में समस्यायें बचपन का खेल अनुभव होती हैं अर्थात् समाप्त हो जाती हैं। जैसे ब्रह्मा बाप के सामने यदि कोई बच्चा समस्या लेकर आता था तो समस्या की बातें बोलने की हिम्मत भी नहीं होती थी, वह बातें ही भूल जाती थी। ऐसे आप बच्चे भी समाधान स्वरूप बनो तो आधाकल्प के लिए समस्याओं का विदाई समारोह हो जाए। विश्व की समस्याओं का समाधान ही परिवर्तन है।

स्लोगन:-
जो सदा ज्ञान का सिमरण करते हैं वे माया की आकर्षण से बच जाते हैं।

अपनी शक्तिशाली मन्सा द्वारा सकाश देने की सेवा करो

अपने डबल लाइट फरिश्ता स्वरूप में स्थित हो, साक्षी बन सब पार्ट देखते सकाश अर्थात् सहयोग दो क्योंकि आप सर्व के कल्याण के निमित्त हो। यह सकाश देना ही निभाना है, लेकिन ऊंची स्टेज पर स्थित होकर सकाश दो। वाणी की सेवा के साथ-साथ मन्सा शुभ भावनाओं की वृत्ति द्वारा सकाश देने की सेवा करो।