03-04-2025 प्रात:मुरली ओम् शान्ति "बापदादा" मधुबन
“मीठे बच्चे - तुम्हारा यह
नया झाड़ बहुत मीठा है, इस मीठे झाड़ को ही कीड़े लगते हैं, कीड़ों को समाप्त करने
की दवाई है मनमनाभव''
प्रश्नः-
पास विद् ऑनर
होने वाले स्टूडेन्ट की निशानी क्या होगी?
उत्तर:-
वह सिर्फ एक
सब्जेक्ट में नहीं लेकिन सभी सब्जेक्ट पर पूरा-पूरा ध्यान देंगे। स्थूल सर्विस की
भी सब्जेक्ट अच्छी है, बहुतों को सुख मिलता है, इससे भी मार्क्स जमा होती हैं लेकिन
साथ-साथ ज्ञान भी चाहिए तो चलन भी चाहिए। दैवीगुणों पर पूरा अटेन्शन हो। ज्ञान योग
पूरा हो तब पास विद् ऑनर हो सकेंगे।
गीत:-
न वह हमसे जुदा
होंगे........
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) अपनी ऊंच तकदीर बनाने के लिए आपस में बहुत-बहुत क्षीरखण्ड, मीठा होकर
रहना है, कभी लून-पानी नहीं होना है। सभी सब्जेक्ट पर पूरा अटेन्शन देना है।
2) सद्गति के लिए बाप की जो श्रेष्ठ मत मिली है, उस पर चलना है और सबको श्रेष्ठ
मत ही सुनानी है। स्वर्ग में जाने का रास्ता दिखाना है।
वरदान:-
हर आत्मा को
हिम्मत, उल्लास दिलाने वाले, रहमदिल, विश्व कल्याणकारी भव
कभी भी ब्राह्मण परिवार
में किसी कमजोर आत्मा को, तुम कमजोर हो - ऐसे नहीं कहना। आप रहमदिल विश्व कल्याणकारी
बच्चों के मुख से सदैव हर आत्मा के प्रति शुभ बोल निकलने चाहिए, दिलशिकस्त बनाने
वाले नहीं। चाहे कोई कितना भी कमजोर हो, उसे इशारा या शिक्षा भी देनी हो तो पहले
समर्थ बनाकर फिर शिक्षा दो। पहले धरनी पर हिम्मत और उत्साह का हल चलाओ फिर बीज डालो
तो सहज हर बीज का फल निकलेगा। इससे विश्व कल्याण की सेवा तीव्र हो जायेगी।
स्लोगन:-
बाप की
दुआयें लेते हुए सदा भरपूरता का अनुभव करो।
अव्यक्त इशारे -
“कम्बाइण्ड रूप की स्मृति से सदा विजयी बनो''
सदा हर कर्म करते
हुए अपने को कर्मयोगी आत्मा अनुभव करो। कोई भी कर्म करते हुए याद भूल नहीं सकती।
कर्म और योग - दोनों कम्बाइन्ड हो जाएं। जैसे कोई जुड़ी हुई चीज़ को अलग नहीं कर
सकता, ऐसे कर्मयोगी बनो।