03-06-2024        प्रात:मुरली    ओम् शान्ति     "बापदादा"        मधुबन


“मीठे बच्चे - विश्व का मालिक बनाने वाले बाप को बड़ी रूचि से याद करो, याद से ही तुम सतोप्रधान बनेंगे''

प्रश्नः-
किस एक बात पर पूरा ध्यान हो तो बुद्धि के कपाट खुल जायेंगे?

उत्तर:-
पढ़ाई पर। भगवान् पढ़ाते हैं इसलिये कभी भी पढ़ाई मिस नहीं होनी चाहिए। जहाँ तक जीना है, वहाँ तक अमृत पीना है। पढ़ाई में अटेन्शन देना है, अबसेन्ट नहीं होना है। यहाँ-वहाँ से भी ढूँढकर मुरली जरूर पढ़नी है। मुरली में रोज़ नई-नई प्वाइंट्स निकलती रहती हैं, जिससे तुम्हारे कपाट ही खुल जायेंगे।

धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) जब तक जीना है, अमृत पीना है, शिक्षाओं को धारण करना है। भगवान् पढ़ाते हैं, इसलिए एक दिन भी मुरली मिस नहीं करनी है।

2) पद्मों की कमाई जमा करने के लिए निमित्त मात्र घर में रहते, काम-काज करते एक बाप की याद में रहना है।

वरदान:-
प्रसन्नता की रूहानी पर्सनैलिटी द्वारा सर्व को अधिकारी बनाने वाले गायन और पूजन योग्य भव

जो सर्व की सन्तुष्टता का सर्टीफिकेट लेते हैं वह सदा प्रसन्न रहते हैं, और इसी प्रसन्नता की रूहानी पर्सनैलिटी के कारण नामीग्रामी अर्थात् गायन और पूजन योग्य बन जाते हैं। आप शुभचिंतक, प्रसन्नचित रहने वाली आत्माओं द्वारा जो सर्व को खुशी की, सहारे की, हिम्मत के पंखों की, उमंग-उत्साह की प्राप्ति होती है - यह प्राप्ति किसको अधिकारी बना देती है, कोई भक्त बन जाते हैं।

स्लोगन:-
बाप से वरदान प्राप्त करने का सहज साधन है - दिल का स्नेह।