03-10-2025 प्रात:मुरली ओम् शान्ति "बापदादा" मधुबन
“मीठे बच्चे - तुम हो
सच्चे-सच्चे परवाने जो अभी शमा पर फिदा होते हो, इस फिदा होने का ही यादगार यह
दीपावली है''
प्रश्नः-
बाबा ने अपने
बच्चों को कौन-सा समाचार सुनाया है?
उत्तर:-
बाबा ने सुनाया
- तुम आत्मायें निर्वाणधाम से कैसे आती हो और मैं कैसे आता हूँ। मैं कौन हूँ, क्या
करता हूँ, कैसे रामराज्य स्थापन करता हूँ, कैसे तुम बच्चों को रावण पर विजय पहनाता
हूँ। अभी तुम बच्चे इन सब बातों को जानते हो। तुम्हारी ज्योति जगी हुई हैं।
गीत:-
तुम्हीं हो
माता पिता........
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) रूप-बसन्त बन मुख से सदैव ज्ञान रत्न ही निकालने हैं। सर्विस के उमंग
में रहना है। याद में रहना और सबको बाप की याद दिलाना - यही दिव्य अलौकिक कार्य करना
है।
2) सच्चा-सच्चा आशिक बन एक माशूक पर फिदा होना है अर्थात् बलि चढ़ना है, तभी
सच्ची दीपावली होगी।
वरदान:-
विश्व महाराजन
की पदवी प्राप्त करने वाले सर्व शक्तियों के स्टॉक से सम्पन्न (भरपूर) भव
जो विश्व महाराजन की पदवी
प्राप्त करने वाली आत्मायें हैं उनका पुरुषार्थ सिर्फ अपने प्रति नहीं होगा। अपने
जीवन में आने वाले विघ्न वा परीक्षाओं को पास करना - यह तो बहुत कॉमन है लेकिन जो
विश्व महाराजन बनने वाली आत्मायें हैं उनके पास अभी से ही सर्व शक्तियों का स्टॉक
भरपूर होगा। उनका हर सेकण्ड हर संकल्प दूसरों के प्रति होगा। तन-मन-धन समय श्वांस
सब विश्व कल्याण में सफल होता रहेगा।
स्लोगन:-
एक भी
कमजोरी अनेक विशेषताओं को समाप्त कर देती है इसलिए कमजोरियों को तलाक दो।
अव्यक्त इशारे -
स्वयं और सर्व के प्रति मन्सा द्वारा योग की शक्तियों का प्रयोग करो
अपनी शुभ भावना,
श्रेष्ठ कामना, श्रेष्ठ वृत्ति, श्रेष्ठ वायब्रेशन द्वारा किसी भी स्थान पर रहते
हुए मन्सा द्वारा अनेक आत्माओं की सेवा कर सकते हो। इसकी विधि है - लाइट हाउस, माइट
हाउस बनना। इसमें स्थूल साधन, चान्स वा समय की प्राब्लम नहीं है। सिर्फ लाइट-माइट
से सम्पन्न बनने की आवश्यकता है।