03-11-2024     प्रात:मुरली  ओम् शान्ति 25.10.2002 "बापदादा"    मधुबन


“ब्राह्मण जीवन का आधार - प्युरिटी की रॉयल्टी"


वरदान:-
तीन स्मृतियों के तिलक द्वारा श्रेष्ठ स्थिति बनाने वाले अचल-अडोल भव

बापदादा ने सभी बच्चों को तीन स्मृतियों का तिलक दिया है, एक स्व की स्मृति फिर बाप की स्मृति और श्रेष्ठ कर्म के लिए ड्रामा की स्मृति। जिन्हें यह तीनों स्मृतियां सदा हैं उनकी स्थिति भी श्रेष्ठ है। आत्मा की स्मृति के साथ बाप की स्मृति और बाप के साथ ड्रामा की स्मृति अति आवश्यक है क्योंकि कर्म में अगर ड्रामा का ज्ञान है तो नीचे ऊपर नहीं होंगे। जो भी भिन्न-भिन्न परिस्थितियां आती हैं, उसमें अचल-अडोल रहेंगे।

स्लोगन:-
दृष्टि को अलौकिक, मन को शीतल और बुद्धि को रहमदिल बनाओ।