05-05-2024 प्रात:मुरली ओम् शान्ति 15.11.99 "बापदादा" मधुबन
बाप समान बनने का सहज
पुरुषार्थ - “आज्ञाकारी बनो''
वरदान:-
सदा रूहानी
स्थिति में रह दूसरों की भी रूह को देखने वाले रूहानी रूहे गुलाब भव
रूहे गुलाब अर्थात्
जिसमें सदा रूहानी खुशबू हो। रूहानी खुशबू वाले जहाँ भी देखेंगे, जिसको भी देखेंगे
तो रूह को देखेंगे, शरीर को नहीं। तो स्वयं भी सदा रूहानी स्थिति में रहो और दूसरों
की भी रूह को देखो। जैसे बाप ऊंचे से ऊंचा है, ऐसे उसका बगीचा भी ऊंचे से ऊंचा है,
जिस बगीचे का विशेष श्रृंगार रूहे गुलाब आप बच्चे हो। आपकी रूहानी खुशबू अनेक
आत्माओं का कल्याण करने वाली है।
स्लोगन:-
मर्यादा तोड़कर किसी को सुख दिया तो वह भी दु:ख के खाते में जमा हो जायेगा।