05-07-2025 प्रात:मुरली ओम् शान्ति "बापदादा" मधुबन
“मीठे बच्चे - बाप तुम्हें
पढ़ा रहे हैं खूबसूरत देवी-देवता बनाने, खूबसूरती का आधार है पवित्रता''
प्रश्नः-
रूहानी शमा पर
जो परवाने फिदा होने वाले हैं, उनकी निशानी क्या होगी?
उत्तर:-
फिदा होने वाले
परवाने:- 1. शमा जो है जैसी है उसे यथार्थ रूप से जानते और याद करते हैं, 2. फिदा
होना माना बाप समान बनना, 3. फिदा होना माना बाप से भी ऊंच राजाई का अधिकारी बन जाना।
गीत:-
महफिल में जल
उठी शमा........
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) यह अन्तिम पुरुषार्थी शरीर बहुत वैल्युबल है, इसमें बहुत कमाई करनी
है। बेहद के बाप के साथ खाते, पीते....... सर्व सम्बन्धों की अनुभूति करनी है।
2) कोई भी ऐसा कर्म नहीं करना है जिससे ब्राह्मण परिवार की वा बाप की इज्ज़त जाये।
आत्म अभिमानी बन पूरा पवित्र बनना है। याद से पुरानी खाद निकालनी है।
वरदान:-
सुनने के
साथ-साथ स्वरूप बन मन के मनोरंजन द्वारा सदा शक्तिशाली आत्मा भव
रोज़ मन में स्व के प्रति
या औरों के प्रति उमंग-उत्साह का संकल्प लाओ। स्वयं भी उसी संकल्प का स्वरूप बनो और
दूसरों की सेवा में भी लगाओ तो अपनी जीवन भी सदा के लिए उत्साह वाली हो जायेगी और
दूसरों को भी उत्साह दिलाने वाले बन सकेंगे। जैसे मनोरंजन प्रोग्राम होता है ऐसे
रोज़ मन के मनोरंजन का प्रोग्राम बनाओ, जो सुनते हो उसका स्वरूप बनो तो शक्तिशाली
बन जायेंगे।
स्लोगन:-
दूसरों
को बदलने के पहले स्वयं को बदल लो, यही समझदारी है।
अव्यक्त इशारे -
संकल्पों की शक्ति जमा कर श्रेष्ठ सेवा के निमित्त बनो
सबसे तीव्रगति की
सेवा का साधन है - शुभ और श्रेष्ठ संकल्पों की शक्ति। जैसे ब्रह्मा बाप श्रेष्ठ
संकल्प की विधि द्वारा सेवा की वृद्धि में सदा सहयोगी हैं। विधि तीव्र है तो वृद्धि
भी तीव्र है। ऐसे आप बच्चे भी श्रेष्ठ शुभ संकल्पों में सम्पन्न बनो।