06-06-2025        प्रात:मुरली    ओम् शान्ति     "बापदादा"        मधुबन


“मीठे बच्चे - भविष्य ऊंच घराने में आने का आधार है पढ़ाई, इस पढ़ाई से ही तुम बेगर टू प्रिन्स बन सकते हो''

प्रश्नः-
गोल्डन स्पून इन माउथ दो प्रकार से प्राप्त हो सकता है, कैसे?

उत्तर:-
एक भक्ति में दान-पुण्य करने से, दूसरा, ज्ञान में पढ़ाई से। भक्ति में दान-पुण्य करते हैं तो राजा या साहूकार के पास जन्म लेते हैं लेकिन वह हो गया हद का। तुम ज्ञान में पढ़ाई से गोल्डन स्पून इन माउथ पाते हो। यह है बेहद की बात। भक्ति में पढ़ाई से राजाई नहीं मिलती। यहाँ जो जितना अच्छी रीति पढ़ते हैं, उतना ऊंच पद पाते हैं।

धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) किसी भी बात का फिक्र नहीं करना है, सदा हर्षित रहना है। स्मृति रहे हम शिवबाबा के बच्चे हैं, बाप आये हैं हमें विश्व का मालिक बनाने।

2) अपनी अवस्था को एकरस बनाने के लिए देही-अभिमानी बनने का पुरुषार्थ करना है। इस पुराने घर से ममत्व निकाल देना है।

वरदान:-
मनन शक्ति द्वारा बुद्धि को शक्तिशाली बनाने वाले मास्टर सर्वशक्तिमान भव

मनन शक्ति ही दिव्य बुद्धि की खुराक है। जैसे भक्ति में सिमरण करने के अभ्यासी हैं, ऐसे ज्ञान में स्मृति की शक्ति है। इस शक्ति द्वारा मास्टर सर्वशक्तिमान बनो। रोज़ अमृतवेले अपने एक टाइटल को स्मृति में लाओ और मनन करते रहो तो मनन शक्ति से बुद्धि शक्तिशाली रहेगी। शक्तिशाली बुद्धि के ऊपर माया का वार नहीं हो सकता, परवश नहीं हो सकते क्योंकि माया सबसे पहले व्यर्थ संकल्प रूपी वाण द्वारा दिव्यबुद्धि को ही कमजोर बनाती है, इस कमजोरी से बचने का साधन ही है मनन शक्ति।।

स्लोगन:-
आज्ञाकारी बच्चे ही दुआओं के पात्र हैं, दुआओं का प्रभाव दिल को सदा सन्तुष्ट रखता है।

अव्यक्त इशारे-आत्मिक स्थिति में रहने का अभ्यास करो, अन्तर्मुखी बनो

सदा बेहद की आत्मिक दृष्टि, भाई-भाई के सम्बन्ध की वृत्ति से किसी भी आत्मा के प्रति शुभ भावना रखने का फल जरूर प्राप्त होता है इसलिए पुरुषार्थ से थको नहीं, दिलशिकस्त भी नहीं बनो। निश्चयबुद्धि हो, मेरेपन के सम्बन्ध से न्यारे हो शान्ति और शक्ति का सहयोग आत्माओं को देते रहो।