06-07-2025     प्रात:मुरली  ओम् शान्ति 18.01.2006 "बापदादा"    मधुबन


“संकल्प, समय और बोल के बचत की स्कीम द्वारा सफलता की सेरीमनी मनाओ, निराश आत्माओं में आशा के दीप जगाओ''


वरदान:-
अपने हर कर्म वा विशेषता द्वारा दाता की तरफ इशारा करने वाले सच्चे सेवाधारी भव

सच्चे सेवाधारी किसी भी आत्मा को सहयोग देकर स्वयं में अटकायेंगे नहीं। वे सबका कनेक्शन बाप से करायेंगे। उनका हर बोल बाप की स्मृति दिलाने वाला होगा। उनके हर कर्म से बाप दिखाई देगा। उन्हें यह संकल्प भी नहीं आयेगा कि मेरी विशेषता के कारण यह मेरे सहयोगी हैं। यदि आपको देखा, बाप को नहीं तो यह सेवा नहीं की, बाप को भुलाया। सच्चे सेवाधारी सत्य की तरफ सबका सम्बन्ध जोड़ेंगे, स्वयं से नहीं।

स्लोगन:-
किसी भी प्रकार की अर्जी डालने के बजाए सदा राज़ी रहो।

अव्यक्त इशारे - संकल्पों की शक्ति जमा कर श्रेष्ठ सेवा के निमित्त बनो

श्रेष्ठ भाग्य की लकीर खींचने का आधार है - “श्रेष्ठ संकल्प और श्रेष्ठ कर्म।'' चाहे ट्रस्टी आत्मा हो, चाहे सेवाधारी आत्मा हो, दोनों इसी आधार द्वारा नम्बर ले सकते हैं। दोनों को भाग्य बनाने का पूरा चांस है, जो जितना भाग्य बनाना चाहे बना सकते हैं।