09-02-2025 प्रात:मुरली ओम् शान्ति 18.01.2004 "बापदादा" मधुबन
“वर्ल्ड अथॉरिटी के
डायरेक्ट बच्चे हैं - इस स्मृति को इमर्ज रख सर्व शक्तियों को ऑर्डर से चलाओ''
वरदान:-
मस्तक द्वारा
सन्तुष्टता के चमक की झलक दिखाने वाले साक्षात्कारमूर्त भव
जो सदा सन्तुष्ट रहते
हैं, उनके मस्तक से सन्तुष्टता की झलक सदा चमकती रहती है, उन्हें कोई भी उदास आत्मा
यदि देख लेती है तो वह भी खुश हो जाती है, उसकी उदासी मिट जाती है। जिनके पास
सन्तुष्टता की खुशी का खजाना है उनके पीछे स्वत: ही सब आकर्षित होते हैं। उनका खुशी
का चेहरा चैतन्य बोर्ड बन जाता है जो अनेक आत्माओं को बनाने वाले का परिचय देता है।
तो ऐसी सन्तुष्ट रहने और सर्व को सन्तुष्ट करने वाली सन्तुष्ट मणियां बनो जिससे
अनेकों को साक्षात्कार हो।
स्लोगन:-
चोट लगाने वाले का काम है चोट लगाना और आपका काम है अपने को बचा लेना।
अव्यक्त-इशारे:-
एकान्तप्रिय बनो एकता और एकाग्रता को अपनाओ
जैसे नारियल तोड़कर
उद्घाटन करते हो, रिबन काटकर उद्घाटन करते हो, ऐसे एकमत, एकबल, एक भरोसा और एकता की
रिबन काटो और फिर सर्व के सन्तुष्टता, प्रसन्नता का नारियल तोड़ो। यह पानी धरनी में
डालो फिर देखो सफलता कितनी होती है।