09-03-2025 प्रात:मुरली ओम् शान्ति 20.03.2004 "बापदादा" मधुबन
“इस वर्ष को विशेष
जीवनमुक्त वर्ष के रूप में मनाओ, एकता और एकाग्रता से बाप की प्रत्यक्षता करो''
वरदान:-
बीती को चिंतन
में न लाकर फुलस्टॉप लगाने वाले तीव्र पुरूषार्थी भव
अभी तक जो कुछ हुआ -
उसे फुलस्टॉप लगाओ। बीती को चिंतन में न लाना - यही तीव्र पुरूषार्थ है। यदि कोई
बीती को चिंतन करता है तो समय, शक्ति, संकल्प सब वेस्ट हो जाता है। अभी वेस्ट करने
का समय नहीं है क्योंकि संगमयुग की दो घड़ी अर्थात् दो सेकेण्ड भी वेस्ट किया तो
अनेक वर्ष वेस्ट कर दिये इसलिए समय के महत्व को जान अब बीती को फुलस्टॉप लगाओ।
फुलस्टॉप लगाना अर्थात् सर्व खजानों से फुल बनना।
स्लोगन:-
जब हर संकल्प श्रेष्ठ होगा तब स्वयं का और विश्व का कल्याण होगा।
अव्यक्त इशारे -
सत्यता और सभ्यता रूपी क्लचर को अपनाओ
ज्ञान की कोई भी बात
अथॉरिटी के साथ, सत्यता और सभ्यता से बोलो, संकोच से नहीं। प्रत्यक्षता करने के लिए
पहले स्वयं को प्रत्यक्ष करो, निर्भय बनो। भाषण में शब्द कम हों लेकिन ऐसे शक्तिशाली
हों जिसमें बाप का परिचय और स्नेह समाया हुआ हो, जो स्नेह रूपी चुम्बक आत्माओं को
परमात्मा तरफ खींचे।