09-06-2024     प्रात:मुरली  ओम् शान्ति 15.02.20 "बापदादा"    मधुबन


“मन को स्वच्छ, बुद्धि को क्लीयर रख डबल लाइट फरिश्ते स्थिति का अनुभव करो''


वरदान:-
साधनों को निर्लेप वा न्यारे बन कार्य में लगाने वाले बेहद के वैरागी भव

बेहद के वैरागी अर्थात् किसी में भी लगाव नहीं, सदा बाप के प्यारे। यह प्यारापन ही न्यारा बनाता है। बाप का प्यारा नहीं तो न्यारा भी नहीं बन सकते, लगाव में आ जायेंगे। जो बाप का प्यारा है वह सर्व आकर्षणों से परे अर्थात् न्यारा होगा - इसको ही कहते हैं निर्लेप स्थिति। कोई भी हद के आकर्षण की लेप में आने वाले नहीं। रचना वा साधनों को निर्लेप होकर कार्य में लायें - ऐसे बेहद के वैरागी ही राजऋषि हैं।

स्लोगन:-
दिल की सच्चाई-सफाई हो तो साहेब राज़ी हो जायेगा।