09-07-2025        प्रात:मुरली    ओम् शान्ति     "बापदादा"        मधुबन


“मीठे बच्चे - बाप आये हैं तुम्हें ज्ञान रत्न देने, बाप तुम्हें जो भी सुनाते वा समझाते हैं यह ज्ञान है, ज्ञान रत्न ज्ञान सागर के सिवाए कोई दे नहीं सकता''

प्रश्नः-
आत्मा की वैल्यु कम होने का मुख्य कारण क्या है?

उत्तर:-
वैल्यु कम होती है खाद पड़ने से। जैसे सोने में खाद डालकर जेवर बनाते हैं तो उसकी वैल्यु कम हो जाती है। ऐसे आत्मा जो सच्चा सोना है, उसमें जब अपवित्रता की खाद पड़ती है तो वैल्यु कम हो जाती है। इस समय तमोप्रधान आत्मा की कोई वैल्यु नहीं। शरीर की भी कोई वैल्यु नहीं। अभी तुम्हारी आत्मा और शरीर दोनों याद से वैल्युबुल बन रहे हैं।

गीत:-
यह कौन आज आया सवेरे-सवेरे.......

धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) बाप से पूरा वर्सा लेने के लिए जो कथनी हो वही करनी हो, इसका पुरुषार्थ करना है। मोहजीत बनना है।

2) सदा याद रहे कि हम शान्ति के सागर के बच्चे हैं, हमें शान्ति में रहना है। मुख में मुहलरा डाल लेना है। ग़फलत में अपना टाइम वेस्ट नहीं करना है।

वरदान:-
संगठन रूपी किले को मजबूत बनाने वाले सर्व के स्नेही, सन्तुष्ट आत्मा भव

संगठन की शक्ति विशेष शक्ति है। एकमत संगठन के किले को कोई भी हिला नहीं सकता। लेकिन इसका आधार है एक दो के स्नेही बन सर्व को रिगार्ड देना और स्वयं सन्तुष्ट रहकर सर्व को सन्तुष्ट करना। न कोई डिस्टर्व हो और न कोई डिस्टर्व करे। सब एक दो को शुभ भावना और शुभ कामना का सहयोग देते रहें तो यह संगठन का किला मजबूत हो जायेगा। संगठन की शक्ति ही विजय का विशेष आधार स्वरूप है।

स्लोगन:-
जब हर कर्म यथार्थ और युक्तियुक्त हो तब कहेंगे पवित्र आत्मा।

अव्यक्त इशारे - संकल्पों की शक्ति जमा कर श्रेष्ठ सेवा के निमित्त बनो

हर एक बच्चा जो स्व प्रति वा सेवा के प्रति उमंगों के अच्छे-अच्छे संकल्प करता है कि अभी से यह करेंगे, ऐसे करेंगे, अवश्य करेंगे, करके ही दिखायेंगे ... ऐसे श्रेष्ठ संकल्प के बीज जो बोते हो, उस संकल्प को अर्थात् बीज को प्रैक्टिकल में लाने की पालना करते रहो तो वह बीज फल स्वरूप बन जायेगा।