09-09-2025        प्रात:मुरली    ओम् शान्ति     "बापदादा"        मधुबन


“मीठे बच्चे - अपने ऊपर आपेही कृपा करनी है, पढ़ाई में गैलप करो, कोई भी विकर्म करके अपना रजिस्टर खराब नहीं करो''

प्रश्नः-
इस ऊंची पढ़ाई में पास होने के लिए मुख्य शिक्षा कौन-सी मिलती है? उसके लिए किस बात पर विशेष अटेन्शन चाहिए?

उत्तर:-
इस पढ़ाई में पास होना है तो आंखें बहुत-बहुत पवित्र होनी चाहिए क्योंकि यह आंखें ही धोखा देती हैं, यही क्रिमिनल बनती हैं। शरीर को देखने से ही कर्मेन्द्रियों में चंचलता आती है इसलिए आंखें कभी भी क्रिमिनल न हों, पवित्र बनने के लिए भाई-बहिन होकर रहो, याद की यात्रा पर पूरा-पूरा अटेन्शन दो।

गीत:-
धीरज धर मनुवा.....

धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) अभी इम्तहान का समय बहुत नज़दीक है इसलिए पुरुषार्थ कर अपना और सर्व का कल्याण करना है, पढ़ना और पढ़ाना है, चैरिटी बिगेन्स एट होम।

2) देही-अभिमानी बन अविनाशी, सच्ची कमाई जमा करनी है। अपना रजिस्टर रखना है। कोई भी ऐसा विकर्म न हो जिससे रजिस्टर खराब हो जाए।

वरदान:-
सर्व को उमंग-उत्साह का सहयोग दे शक्तिशाली बनाने वाले सच्चे सेवाधारी भव

सेवाधारी अर्थात् सर्व को उमंग-उत्साह का सहयोग देकर शक्तिशाली बनाने वाले। अभी समय कम है और रचना ज्यादा से ज्यादा आने वाली है। सिर्फ इतनी संख्या में खुश नहीं हो जाना कि बहुत आ गये। अभी तो बहुत संख्या बढ़नी है इसलिए आपने जो पालना ली है उसका रिटर्न दो। आने वाली निर्बल आत्माओं के सहयोगी बन उन्हें समर्थ, अचल अडोल बनाओ तब कहेंगे सच्चे सेवाधारी।

स्लोगन:-
रूह को जब, जहाँ और जैसे चाहो स्थित कर लो - यही रूहानी ड्रिल है।

अव्यक्त इशारे - अब लगन की अग्नि को प्रज्वलित कर योग को ज्वाला रूप बनाओ

पावरफुल मन की निशानी है - सेकण्ड में जहाँ चाहे वहाँ पहुंच जाए। मन को जब उड़ना आ गया, प्रैक्टिस हो गई तो सेकण्ड में जहाँ चाहे वहाँ पहुंच सकता है। अभी-अभी साकार वतन में, अभी-अभी परमधाम में, सेकण्ड की रफ्तार है - अब इसी अभ्यास को बढ़ाओ।