10-01-2025 प्रात:मुरली ओम् शान्ति "बापदादा" मधुबन
“मीठे बच्चे - बाप तुम्हें
ज्ञान योग की खुराक खिलाकर जबरदस्त खातिरी करते हैं, तो सदैव खुशमौज में रहो और
श्रीमत अनुसार सबकी खातिरी करते चलो''
प्रश्नः-
इस संगमयुग पर
आपके पास सबसे अमूल्य चीज़ कौन सी है, जिसकी सम्भाल करनी है?
उत्तर:-
इस सर्वोत्तम
ब्राह्मण कुल में आपकी यह जीवन बहुत अमूल्य है, इसलिए शरीर की सम्भाल जरूर करनी है।
ऐसे नहीं यह तो मिट्टी का पुतला है, कहाँ यह खलास हो जाये! नहीं। इनको जीते रखना
है। कोई बीमार होते हैं तो उनसे तंग नहीं होना चाहिए। उनको बोलो तुम शिवबाबा को याद
करो। जितना याद करेंगे उतना पाप कटते जायेंगे। उनकी सर्विस करनी चाहिए, जीता रहे,
शिवबाबा को याद करता रहे।
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) अपने को देखो मैं पुरुषार्थ में उत्तम हूँ, मध्यम हूँ या कनिष्ट हूँ?
मैं ऊंच पद पाने के लायक हूँ? मैं रूहानी सर्विस करता हूँ?
2) तीसरे नेत्र से आत्मा भाई को देखो, भाई-भाई समझ सभी को ज्ञान दो, आत्मिक
स्थिति में रहने की आदत डालो तो कर्मेन्द्रियां चंचल नहीं होंगी।
वरदान:-
ब्रह्मा बाप
समान महा त्याग से महान भाग्य बनाने वाले फरिश्ता सो विश्व महाराजन भव
फरिश्ता सो विश्व महाराजन
बनने का वरदान उन्हीं बच्चों को प्राप्त होता है जो ब्रह्मा बाप के हर कर्म रूपी
कदम के पीछे कदम उठाने वाले हैं, जिनका मन-बुद्धि संस्कार - सदा बाप के आगे समर्पित
है। जैसे ब्रह्मा बाप ने इसी महात्याग से महान भाग्य प्राप्त किया अर्थात् नम्बरवन
सम्पूर्ण फरिश्ता और नम्बरवन विश्व महाराजन बनें, ऐसे फालो फादर करने वाले बच्चे भी
महान त्यागी वा सर्वस्व त्यागी होंगे। संस्कार रूप से भी विकारों के वंश का त्याग
करेंगे।
स्लोगन:-
अभी सब
आधार टूटने हैं इसलिए एक बाप को अपना आधार बनाओ।
अपनी शक्तिशाली
मन्सा द्वारा सकाश देने की सेवा करो
इतनी सारी प्रकृति
को परिवर्तन करना, तमोगुणी संस्कारों वाली आत्माओं के तमोगुणी वायब्रेशन्स को बदलना
और स्वयं को भी ऐसे खूने नाहेक वायुमण्डल के वायब्रेशन्स से सेफ रखना तथा उन आत्माओं
को सहयोग देना, इस विशाल कार्य के लिए मन्सा को शुभ भावनाओं से सम्पन्न शक्तिशाली
बनाओ।