10-05-2024        प्रात:मुरली    ओम् शान्ति     "बापदादा"        मधुबन


“मीठे बच्चे - बाप समान रहमदिल बनो, रहमदिल बच्चे सबको दु:खों से छुड़ाकर पतित से पावन बनाने की सेवा करेंगे''

प्रश्नः-
सारी दुनिया की मांग क्या है? जो बाप के सिवाए कोई पूरी नहीं कर सकता?

उत्तर:-
सारी दुनिया की मांग है शान्ति और सुख मिले। सभी बच्चों की पुकार सुनकर बाप आते हैं। बाबा बेहद का है इसलिए उसे बहुत फुरना है कि मेरे बच्चे कैसे दु:खी से सुखी बनें। बाबा कहते - बच्चे, पुरानी दुनिया भी मेरी है, मेरे ही सब बच्चे हैं, मैं आया हूँ सबको दु:खों से छुड़ाने। मैं सारी दुनिया का मालिक हूँ, इसे मुझे ही पतित से पावन बनाना है।

धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) बाप समान रहमदिल बनना है। सबको दु:खों से छुड़ा कर पतित से पावन बनाने की सेवा करनी है। पावन बनने के लिए एक बाप से बहुत-बहुत लॅव रखना है।

2) बाप कहते हैं जिन रोया तिन खोया इसलिए कैसी भी परिस्थिति हो तुम्हें रोना नहीं है।

वरदान:-
स्व के राज्य द्वारा अपने साथियों को स्नेही सहयोगी बनाने वाले मास्टर दाता भव

राजा अर्थात् दाता। दाता को कहना वा मांगना नहीं पड़ता। स्वयं हर एक राजाओं को अपने स्नेह की सौगात आफर करते हैं। आप भी स्व पर राज्य करने वाले राजा बनो तो हर एक आपके आगे सहयोग की सौगात आफर करेंगे। जिसका स्व पर राज्य है उसके आगे लौकिक अलौकिक साथी जी हाजिर, जी हजूर, हाँ जी कहते हुए स्नेही-सहयोगी बनते हैं। परिवार में कभी आर्डर नहीं चलाना, अपनी कर्मेन्द्रियों को आर्डर में रखना तो आपके सर्व साथी आपके स्नेही, सहयोगी बन जायेंगे।

स्लोगन:-
सर्व प्राप्ति के साधन होते भी वृत्ति उपराम रहे तब कहेंगे वैराग्य वृत्ति।