10-06-2024 प्रात:मुरली ओम् शान्ति "बापदादा" मधुबन
“मीठे बच्चे - लक्ष्य को
सदा सामने रखो तो दैवीगुण आते जायेंगे। अब अपनी सम्भाल करनी है, आसुरी गुणों को
निकाल दैवीगुण धारण करने हैं''
प्रश्नः-
आयुश्वान भव
का वरदान मिलते हुए भी बड़ी आयु के लिए कौन-सी मेहनत करनी है?
उत्तर:-
बड़ी आयु के
लिए तमोप्रधान से सतोप्रधान बनने की मेहनत करो। जितना बाप को याद करेंगे उतना
सतोप्रधान बनेंगे और आयु बड़ी होगी फिर मृत्यु का डर निकल जायेगा। याद से दु:ख दूर
हो जायेंगे। तुम फूल बन जायेंगे। याद में ही गुप्त कमाई है। याद से पाप कट जाते
हैं। आत्मा हल्की हो जाती है, आयु बड़ी हो जाती है।
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) महान् आत्मा बनने के लिए अपवित्रता की जो भी गंदी आदतें हैं, वह मिटा
देनी है। दु:ख देना, लड़ना-झगड़ना.... यह सब अपवित्र कर्त्तव्य हैं जो तुम्हें नहीं
करने हैं। अपने आपको राजतिलक देने का अधिकारी बनाना है।
2) बुद्धि को सब गोरखधन्धों से, देहधारियों से निकाल खुशबूदार फूल बनना है।
गुप्त कमाई जमा करने के लिए चलते-फिरते अशरीरी रहने का अभ्यास करना है।
वरदान:-
अपने
शुभ-चिंतन की शक्ति से आत्माओं को चिंता मुक्त बनाने वाली शुभचिंतक मणी भव
आज के विश्व में सब आत्मायें
चिंतामणी हैं। उन चिंता मणियों को आप शुभचिंतक मणियां अपने शुभ-चिंतन की शक्ति
द्वारा परिवर्तन कर सकते हो। जैसे सूर्य की किरणें दूर-दूर तक अंधकार को मिटाती हैं
ऐसे आप शुभचिंतक मणियों की शुभ संकल्प रूपी चमक वा किरणें विश्व में चारों ओर फैल
रही हैं इसलिए समझते हैं कि कोई स्प्रीचुअल लाइट गुप्त रूप में अपना कार्य कर रही
है। यह टचिंग अभी शुरू हुई है, आखरीन ढूंढते-ढूंढते स्थान पर पहुंच जायेंगे।
स्लोगन:-
बापदादा
के डायरेक्शन को क्लीयर कैच करने के लिए मन-बुद्धि की लाइन क्लीयर रखो।