11-06-2024 प्रात:मुरली ओम् शान्ति "बापदादा" मधुबन
“मीठे बच्चे - अब तुम्हें
सम्पूर्ण बनना है क्योंकि वापिस घर जाना है और फिर पावन दुनिया में आना है''
प्रश्नः-
सम्पूर्ण पावन
बनने की युक्ति कौन सी है?
उत्तर:-
सम्पूर्ण पावन
बनना है तो पूरा बेगर बनो, देह सहित सब सम्बन्धों को भूलो और मुझे याद करो तब पावन
बनेंगे। अब तुम इन आंखों से जो कुछ देखते हो यह सब विनाश होना है इसलिए धन, सम्पत्ति,
वैभव आदि सब भूल बेगर बनो। ऐसे बेगर ही प्रिन्स बनते हैं।
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) अब नाटक पूरा हो रहा है, हमें वापिस जाना है इसलिए आत्मा को बाप की
याद से सतोप्रधान, पावन जरूर बनाना है। बाप समान ज्ञान का सागर, शान्ति का सागर अभी
ही बनना है।
2) इस देह से भी पूरा बेगर बनने के लिए बुद्धि में रहे कि इन आंखों से जो कुछ भी
देखते हैं, यह सब खत्म हो जाना है। हमें बेगर से प्रिन्स बनना है। हमारी पढ़ाई है
ही नई दुनिया के लिए।
वरदान:-
चमत्कार दिखाने
के बजाए अविनाशी भाग्य का चमकता हुआ सितारा बनाने वाले सिद्धि स्वरूप भव
आजकल जो अल्पकाल की सिद्धि
वाले हैं वह लास्ट में ऊपर से आने के कारण सतोप्रधान स्टेज के प्रमाण पवित्रता के
फलस्वरूप अल्पकाल के चमत्कार दिखाते हैं लेकिन वह सिद्धि सदाकाल नहीं रहती क्योंकि
थोड़े समय में ही सतो रजो तमो तीनों स्टेजेस से पास करते हैं। आप पवित्र आत्मायें
सदा सिद्धि स्वरूप हैं, चमत्कार दिखाने के बजाए चमकती हुई ज्योतिस्वरूप बनाने वाले
हैं। अविनाशी भाग्य का चमकता हुआ सितारा बनाने वाले हैं, इसलिए सब आपके पास ही अंचली
लेने आयेंगे।
स्लोगन:-
बेहद
की वैराग्य वृत्ति का वायुमण्डल हो तो सहयोगी सहज योगी बन जायेंगे।