11-07-2024        प्रात:मुरली    ओम् शान्ति     "बापदादा"        मधुबन


“मीठे बच्चे - सुन्न अवस्था अर्थात् अशरीरी बनने का अभी समय है, इसी अवस्था में रहने का अभ्यास करो''

प्रश्नः-
सबसे ऊंची मंज़िल कौन-सी है, उसकी प्राप्ति कैसे होगी?

उत्तर:-
सम्पूर्ण सिविलाइज्ड बनना, यही ऊंच मंज़िल है। कर्मेन्द्रियों में ज़रा भी चलायमानी न आये तब सम्पूर्ण सिविला-इज्ड बनें। जब ऐसी अवस्था हो तब विश्व की बादशाही मिल सकती है। गायन भी है चढ़े तो चाखे..... अर्थात् राजाओं का राजा बने, नहीं तो प्रजा। अब जांच करो मेरी वृत्ति कैसी है? कोई भी भूल तो नहीं होती है?

धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) अपनी सम्भाल करने के लिए कदम-कदम पर जांच करनी है कि :-

(अ) आज मुझ आत्मा की वृत्ति कैसी रही? (ब) आंखे सिविल रहीं? (स) देह-अभिमान वश कौन-सा पाप हुआ?

2) बुद्धि में अविनाशी ज्ञान धन धारण कर फिर दान करना है। ज्ञान तलवार में याद का जौहर जरूर भरना है।

वरदान:-
सत्यता की अथॉरिटी को धारण कर सर्व को आकर्षित करने वाले निर्भय और विजयी भव

आप बच्चे सत्यता की शक्तिशाली श्रेष्ठ आत्मायें हो। सत्य ज्ञान, सत्य बाप, सत्य प्राप्ति, सत्य याद, सत्य गुण, सत्य शक्तियां सब प्राप्त हैं। इतनी बड़ी अथॉरिटी का नशा रहे तो यह सत्यता की अथॉरिटी हर आत्मा को आकर्षित करती रहेगी। झूठखण्ड में भी ऐसी सत्यता की शक्ति वाले विजयी बनते हैं। सत्यता की प्राप्ति खुशी और निर्भयता है। सत्य बोलने वाला निर्भय होगा। उनको कभी भय नहीं हो सकता।

स्लोगन:-
वायुमण्डल को परिवर्तन करने का साधन है -पॉजिटिव संकल्प और शक्तिशाली वृत्ति।