11-09-2025        प्रात:मुरली    ओम् शान्ति     "बापदादा"        मधुबन


“मीठे बच्चे - तुम सारी दुनिया के सच्चे-सच्चे मित्र हो, तुम्हारी किसी से भी शत्रुता नहीं होनी चाहिए''

प्रश्नः-
तुम रूहानी मिलेट्री हो, तुम्हें बाप का कौन-सा डायरेक्शन मिला हुआ है, जिसे अमल में लाना है?

उत्तर:-
तुम्हें डायरेक्शन है कि बैज सदा लगाकर रखो। कोई भी पूछे यह क्या है? तुम कौन हो? तो बोलो, हम हैं सारी दुनिया से काम की अग्नि को बुझाने वाले फायर ब्रिगेड। इस समय सारी दुनिया में काम अग्नि लगी हुई है, हम सबको सन्देश देते हैं अब पवित्र बनो, दैवीगुण धारण करो तो बेड़ा पार हो जायेगा।

धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) कभी आपस में रूठ कर सर्विस में धोखा नहीं देना है। विघ्न रूप नहीं बनना है। अपनी कमजोरी नहीं दिखानी है। बाप का पूरा-पूरा मददगार बनना है।

2) कभी कोई से झगड़ा आदि हुआ, पास हुआ, उनका चिंतन नहीं करना है। कोई ने कम जास्ती बोला, तुम उनको भूल जाओ। कल्प पहले भी ऐसे बोला था। वह बात फिर कभी बोलो भी नहीं।

वरदान:-
शान्ति के दूत बन सर्व को शान्ति का सन्देश देने वाले मास्टर शान्ति, शक्ति दाता भव

आप बच्चे शान्ति के मैसेन्जर शान्ति के दूत हो। कहाँ भी रहते सदा अपने को शान्ति का दूत समझकर चलो। शान्ति के दूत हैं, शान्ति का सन्देश देने वाले हैं इससे स्वयं भी शान्त स्वरूप शक्तिशाली रहेंगे और दूसरों को भी शान्ति देते रहेंगे। वह अशान्ति दें आप शान्ति दो। वह आग लगायें आप पानी डालो। यही आप शान्ति के मैसेन्जर, मास्टर शान्ति, शक्ति दाता बच्चों का कर्तव्य है।

स्लोगन:-
जैसे आवाज में आना सहज लगता है वैसे आवाज से परे जाना भी सहज हो।

अव्यक्त इशारे - अब लगन की अग्नि को प्रज्वलित कर योग को ज्वाला रूप बनाओ

योग में सदा लाइट हाउस और माइट हाउस की स्थिति का अनुभव करो। ज्ञान है लाइट और योग है माइट। ज्ञान और योग - दोनों शक्तियां लाइट और माइट सम्पन्न हों - इसको कहते हैं मास्टर सर्वशक्तिमान। ऐसी शक्तिशाली आत्मायें किसी भी परिस्थिति को सेकण्ड में पार कर लेती हैं।