12-04-2025 प्रात:मुरली ओम् शान्ति "बापदादा" मधुबन
“मीठे बच्चे - तुम्हारा यह
ब्राह्मण कुल बिल्कुल निराला है, तुम ब्राह्मण ही नॉलेजफुल हो, तुम ज्ञान, विज्ञान
और अज्ञान को जानते हो''
प्रश्नः-
किस सहज
पुरूषार्थ से तुम बच्चों की दिल सब बातों से हटती जायेगी?
उत्तर:-
सिर्फ रूहानी
धन्धे में लग जाओ, जितना-जितना रूहानी सर्विस करते रहेंगे उतना और सब बातों से स्वत:
दिल हटती जायेगी। राजाई लेने के पुरूषार्थ में लग जायेंगे। परन्तु रूहानी सर्विस के
साथ-साथ जो रचना रची है, उसकी भी सम्भाल करनी है।
गीत:-
जो पिया के
साथ है ......
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) जितना टाइम मिले उतना टाइम यह रूहानी धंधा करना है। रूहानी धंधे के
संस्कार डालने हैं। पतितों को पावन बनाने की सर्विस करनी है।
2) अन्तर्मुखी बन बाप को याद करना है। मुख से हे शब्द नहीं निकालना है। जैसे बाप
को अहंकार नहीं, ऐसे निरहंकारी बनना है।
वरदान:-
मन्सा संकल्प
वा वृत्ति द्वारा श्रेष्ठ वायब्रेशन्स की खुशबू फैलाने वाले शिव शक्ति कम्बाइन्ड भव
जैसे आजकल स्थूल खुशबू के
साधनों से गुलाब, चंदन व भिन्न-भिन्न प्रकार की खुशबू फैलाते हैं ऐसे आप शिव शक्ति
कम्बाइन्ड बन मन्सा संकल्प व वृत्ति द्वारा सुख-शान्ति, प्रेम, आनंद की खुशबू फैलाओ।
रोज़ अमृतवेले भिन्न-भिन्न श्रेष्ठ वायब्रेशन के फाउन्टेन के माफिक आत्माओं के ऊपर
गुलावाशी डालो। सिर्फ संकल्प का आटोमेटिक स्विच आन करो तो विश्व में जो अशुद्ध
वृत्तियों की बदबू है वह समाप्त हो जायेगी।
स्लोगन:-
सुखदाता
द्वारा सुख का भण्डार प्राप्त होना - यही उनके प्यार की निशानी है।
अव्यक्त इशारे -
“कम्बाइण्ड रूप की स्मृति से सदा विजयी बनो''
जितनी शक्तियों की
शक्ति है उतनी ही पाण्डवों की भी विशाल शक्ति है इसलिए चतुर्भुज रूप दिखाया है।
शक्तियां और पाण्डव इन दोनों के कम्बाइन्ड रूप से ही विश्व सेवा के कार्य में सफलता
प्राप्त होती है। इसलिए सदा एक दो के सहयोगी बनकर रहो। जिम्मेवारी का ताज सदा पड़ा
रहे।