13-01-2025 प्रात:मुरली ओम् शान्ति "बापदादा" मधुबन
“मीठे बच्चे - पतित से
पावन बनाने वाले बाप के साथ तुम्हारा बहुत-बहुत लव होना चाहिए, सवेरे-सवेरे उठकर
पहले-पहले कहो शिवबाबा गुडमार्निंग''
प्रश्नः-
एक्यूरेट याद
के लिए कौन सी धारणायें चाहिए? एक्यूरेट याद वाले की निशानी क्या होगी?
उत्तर:-
एक्यूरेट याद
के लिए धैर्यता, गम्भीरता और समझ चाहिए। इस धारणा के आधार से जो याद करते हैं उनकी
याद, याद से मिलती है और बाप की करेन्ट आने लगती है। उस करेन्ट से आयु बढ़ेगी,
हेल्दी बनते जायेंगे। दिल एकदम ठर जायेगी (शीतल हो जायेगी), आत्मा सतोप्रधान बनती
जायेगी।
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) अपनी झोली ज्ञान रत्नों से भरकर फिर दान भी करना है। जो दान करते हैं
वो सबको प्यारे लगते हैं, उन्हें अपार खुशी रहती है।
2) प्राणदान देने वाले बाप को बहुत प्यार से याद करते सबको शान्ति का दान देना
है। स्वदर्शन चक्र फिराते ज्ञान का सागर बनना है।
वरदान:-
अन्त:वाहक
शरीर द्वारा सेवा करने वाले कर्मबन्धन मुक्त डबल लाइट भव
जैसे स्थूल शरीर द्वारा
साकारी ईश्वरीय सेवा में बिजी रहते हो ऐसे अपने आकारी शरीर द्वारा अन्त:वाहक सेवा
भी साथ-साथ करनी है। जैसे ब्रह्मा द्वारा स्थापना की वृद्धि हुई वैसे अभी आपके
सूक्ष्म शरीरों द्वारा, शिव शक्ति के कम्बाइन्ड रूप के साक्षात्कार द्वारा
साक्षात्कार और सन्देश मिलने का कार्य होना है। लेकिन इस सेवा के लिए कर्म करते भी
किसी भी कर्मबन्धन से मुक्त सदा डबल लाइट रूप में रहो।
स्लोगन:-
मनन
करने से जो खुशी रूपी मक्खन निकलता है - वही जीवन को शक्तिशाली बनाता है।
अपनी शक्तिशाली
मन्सा द्वारा सकाश देने की सेवा करो
कोई भी यह नहीं कह
सकता कि हमको तो सेवा का चान्स नहीं है। कोई बोल नहीं सकते तो मन्सा वायुमण्डल से
सुख की वृत्ति, सुखमय स्थिति से सेवा करो। तबियत ठीक नहीं है तो घर बैठे भी सहयोगी
बनो, सिर्फ मन्सा में शुद्ध संकल्पों का स्टॉक जमा करो, शुभ भावनाओं से सम्पन्न बनो।