14-03-2025        प्रात:मुरली    ओम् शान्ति     "बापदादा"        मधुबन


“मीठे बच्चे - तुम्हारा चेहरा सदा खुशनुमा चाहिए ‘हमें भगवान पढ़ाते हैं', यह खुशी चेहरे से झलकनी चाहिए''

प्रश्नः-
अभी तुम बच्चों का मुख्य पुरूषार्थ क्या है?

उत्तर:-
तुम सजाओं से छूटने का ही पुरूषार्थ करते रहते हो। उसके लिए मुख्य है याद की यात्रा, जिससे ही विकर्म विनाश होते हैं। तुम प्यार से याद करो तो बहुत कमाई जमा होती जायेगी। सवेरे-सवेरे उठकर याद में बैठने से पुरानी दुनिया भूलती जायेगी। ज्ञान की बातें बुद्धि में आती रहेंगी। तुम बच्चों को मुख से कोई किचड़-पट्टी की बातें नहीं बोलनी हैं।

गीत:-
तुम्हें पाके हमने........

धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) कितना भी कोई प्यारा सम्बन्धी हो उसमें मोह की रग नहीं जानी चाहिए। नष्टोमोहा बनना है। युक्ति से समझाना है। अपने ऊपर और दूसरों पर रहम करना है।

2) बाप और टीचर को बहुत प्यार से याद करना है। नशा रहे भगवान हमको पढ़ाते हैं, विश्व की बादशाही देते हैं! घूमते फिरते याद में रहना है, झरमुई, झगमुई नहीं करना है।

वरदान:-
अविनाशी रूहानी रंग की सच्ची होली द्वारा बाप समान स्थिति के अनुभवी भव

आप परमात्म रंग में रंगी हुई होली आत्मायें हो। संगमयुग होली जीवन का युग है। जब अविनाशी रूहानी रंग लग जाता है तो सदाकाल के लिए बाप समान बन जाते हो। तो आपकी होली है संग के रंग द्वारा बाप समान बनना। ऐसा पक्का रंग हो जो औरों को भी समान बना दो। हर आत्मा पर अविनाशी ज्ञान का रंग, याद का रंग, अनेक शक्तियों का रंग, गुणों का रंग, श्रेष्ठ वृत्ति दृष्टि, शुभ भावना, शुभ कामना का रूहानी रंग चढ़ाओ।

स्लोगन:-
दृष्टि को अलौकिक, मन को शीतल, बुद्धि को रहमदिल और मुख को मधुर बनाओ।

अव्यक्त इशारे - सत्यता और सभ्यता रूपी क्लचर को अपनाओ

सत्यता के शक्ति स्वरूप होकर, नशे से बोलो, नशे से देखो। हम आलमाइटी गवर्मेन्ट के अनुचर हैं, इसी स्मृति से अयथार्थ को यथार्थ में लाना है। सत्य को प्रसिद्ध करना है न कि छिपाना है लेकिन सभ्यता के साथ। नशा रहे कि हम शिव की शक्तियां हैं। हिम्मते शक्तियां, मददे सर्वशक्तिवान।