14-07-2024 प्रात:मुरली ओम् शान्ति 25.11.20 "बापदादा" मधुबन
“बाप समान बनने के
लिए दो बातों की दृढ़ता रखो - स्वमान में रहना है और सबको सम्मान देना है''
वरदान:-
साइलेन्स के
साधनों द्वारा माया को दूर से पहचान कर भगाने वाले मायाजीत भव
माया तो लास्ट घड़ी
तक आयेगी लेकिन माया का काम है आना और आपका काम है दूर से भगाना। माया आवे और आपको
हिलाये फिर आप भगाओ, यह भी टाइम वेस्ट हुआ, इसलिए साइलेन्स के साधनों से आप दूर से
ही पहचान लो कि ये माया है। उसे पास में आने न दो। अगर सोचते हो क्या करूं, कैसे करूं,
अभी तो पुरुषार्थी हूँ ...तो यह भी माया की खातिरी करते हो, फिर तंग होते हो इसलिए
दूर से ही परखकर भगा दो तो मायाजीत बन जायेंगे।
स्लोगन:-
श्रेष्ठ भाग्य की रेखाओं को इमर्ज करो तो पुराने संस्कारों की रेखायें मर्ज हो
जायेंगी।