14-12-2024 प्रात:मुरली ओम् शान्ति "बापदादा" मधुबन
“मीठे बच्चे - तुम्हारे
पास मनमनाभव और मध्याजीभव के तीक्ष्ण बाण हैं, इन्हीं बाणों से तुम माया पर विजय
प्राप्त कर सकते हो''
प्रश्नः-
बच्चों को बाप
की मदद किस आधार पर मिलती है? बच्चे बाप की शुक्रिया किस रूप से मानते हैं?
उत्तर:-
जो बच्चे जितना
बाप को प्यार से याद करते उतना बाप की मदद मिलती है। प्यार से बातें करो। अपना
कनेक्शन ठीक रखो, श्रीमत पर चलते रहो तो बाप मदद करता रहेगा। बच्चे बाप की शुक्रिया
मानते, बाबा आप परमधाम से आकर हमें पतित से पावन बनाते हो, आपसे हमें कितना सुख
मिलता है। प्यार में आंसू भी आ जाते हैं।
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) बाप का प्रिय बनने के लिए रहमदिल बन सर्विस पर तत्पर रहना है। सपूत,
आज्ञाकारी बन सच्चा योगी वा ज्ञानी बनना है।
2) अमृतवेले उठ बाप से बहुत मीठी-मीठी बातें करना है, बाप का शुक्रिया मानना है।
बाप की मदद का अनुभव करने के लिए मोस्ट बील्वेड बाप को बड़े प्यार से याद करना है।
वरदान:-
सदा
उमंग-उत्साह में रह मन से खुशी के गीत गाने वाले अविनाशी खुशनसीब भव
आप खुशनसीब बच्चे अविनाशी
विधि से अविनाशी सिद्धियां प्राप्त करते हो। आपके मन से सदा वाह-वाह की खुशी के गीत
बजते रहते हैं। वाह बाबा! वाह तकदीर! वाह मीठा परिवार! वाह श्रेष्ठ संगम का सुहावना
समय! हर कर्म वाह-वाह है इसलिए आप अविनाशी खुशनसीब हो। आपके मन में कभी व्हाई, आई (क्यों,
मैं) नहीं आ सकता। व्हाई के बजाए वाह-वाह और आई के बजाए बाबा-बाबा शब्द ही आता है।
स्लोगन:-
जो
संकल्प करते हो उसे अविनाशी गवर्मेन्ट की स्टैम्प लगा दो तो अटल रहेंगे।