15-10-2025        प्रात:मुरली    ओम् शान्ति     "बापदादा"        मधुबन


“मीठेबच्चे - आत्मा रूपी बैटरी 84 मोटरों में जाने के कारण डल हो गई है, अब उसे याद की यात्रा से भरपूर करो''

प्रश्नः-
बाबा किन बच्चों को बहुत-बहुत भाग्यशाली समझते हैं?

उत्तर:-
जिनके पास कोई झंझट नहीं है, जो निर्बन्धन हैं, ऐसे बच्चों को बाबा कहते तुम बहुत-बहुत भाग्यशाली हो, तुम याद में रहकर अपनी बैटरी फुल चार्ज कर सकते हो। अगर योग नहीं सिर्फ ज्ञान सुनाते तो तीर लग नहीं सकता। भल कोई कितना भी भभके से अपना अनुभव सुनाये लेकिन खुद में धारणा नहीं तो दिल खाता रहेगा।

धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) हम मीठेबाप के बच्चे हैं, आपस में मीठेबहन-भाई होकर रहना है। कभी भी विकार की दृष्टि नहीं रखनी है। दृष्टि में कोई भी चंचलता हो तो रूहानी सर्जन को सच बताना है।

2) कभी भी आपस में मतभेद में नहीं आना है। फ्राकदिल बन सर्विस करनी है। अपने तन-मन धन से, बहुत-बहुत नम्रता से सेवा कर सबको बाप का परिचय (पैगाम) देना है।

वरदान:-
हर कर्म चरित्र के रूप में गायन योग्य बनाने वाले महान आत्मा भव

महान आत्मा वह है जिसका हर संकल्प, हर कर्म महान् हो। एक भी संकल्प साधारण व व्यर्थ न हो। कोई भी कर्म साधारण व बगैर अर्थ न हो। कर्मेन्द्रियों द्वारा जो भी कर्म हो वह अर्थ सहित हो, समय भी महान कार्य में सफल होता रहे, तब हर चरित्र गायन योग्य होगा। महान आत्माओं का ही यादगार हर्षित मूर्त, आकर्षण मूर्त और अव्यक्त मूर्त के रूप में है।

स्लोगन:-
मान की इच्छा छोड़ स्वमान में टिक जाओ तो मान परछाई के समान पीछे आयेगा।

अव्यक्त इशारे - स्वयं और सर्व के प्रति मन्सा द्वारा योग की शक्तियों का प्रयोग करो

कोई भी स्थूल कार्य करते हुए मन्सा द्वारा वायब्रेशन्स फैलाने की सेवा करो। जैसे कोई बिजनेसमेन है तो स्वप्न में भी अपना बिजनेस देखता है, ऐसे आपका काम है - विश्व-कल्याण करना। यही आपका आक्यूपेशन है, इस आक्यूपेशन को स्मृति में रख सदा सेवा में बिजी रहो। यदि सेवा का फल मिल जाये तो मायाजीत सहज बन जायेंगे इसलिए जब भी बुद्धि को फुर्सत मिले तो सेवा में जुट जाओ।