15-12-2024 प्रात:मुरली ओम् शान्ति 28.02.2003 "बापदादा" मधुबन
“सेवा के साथ-साथ अब
सम्पन्न बनने का प्लैन बनाओ, कर्मातीत बनने की धुन लगाओ''
वरदान:-
हद की रॉयल
इच्छाओं से मुक्त रह सेवा करने वाले नि:स्वार्थ सेवाधारी भव
जैसे ब्रह्मा बाप ने
कर्म के बन्धन से मुक्त, न्यारे बनने का सबूत दिया। सिवाए सेवा के स्नेह के और कोई
बन्धन नहीं। सेवा में जो हद की रायॅल इच्छायें होती हैं वह भी हिसाब-किताब के बन्धन
में बांधती हैं, सच्चे सेवाधारी इस हिसाब-किताब से भी मुक्त रहते हैं। जैसे देह का
बन्धन, देह के संबंध का बंधन है, ऐसे सेवा में स्वार्थ - यह भी बंधन है। इस बन्धन
से वा रॉयल हिसाब-किताब से भी मुक्त नि:स्वार्थ सेवाधारी बनो।
स्लोगन:-
वायदों को फाइल में नहीं रखो, फाइनल बनकर दिखाओ।
सूचनाः- आज मास का
तीसरा रविवार अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस है, सभी ब्रह्मा वत्स संगठित रूप में सायं
6.30 से 7.30 बजे तक विशेष मूलवतन की गहन शान्ति का अनुभव करें। मन-बुद्धि को
एकाग्र कर ज्वाला स्वरूप में स्थित हो, सम्पन्नता और सम्पूर्णता का अनुभव करें।