18-01-2025 प्रात:मुरली ओम् शान्ति "बापदादा" मधुबन
“पिताश्री जी के
पुण्य स्मृति दिवस पर प्रात:क्लास में सुनाने के लिए बापदादा के मधुर अनमोल
महावाक्य''
वरदान:-
हजार भुजा वाले
ब्रह्मा बाप के साथ का निरन्तर अनुभव करने वाले सच्चे स्नेही भव
वर्तमान समय हजार भुजा
वाले ब्रह्मा बाप के रूप का पार्ट चल रहा है। जैसे आत्मा के बिना भुजा कुछ नहीं कर
सकती, वैसे बापदादा के बिना भुजा रूपी बच्चे कुछ नहीं कर सकते। हर कार्य में पहले
बाप का सहयोग है। जब तक स्थापना का पार्ट है तब तक बापदादा बच्चों के हर संकल्प और
सेकण्ड में साथ-साथ है इसलिए कभी भी जुदाई का पर्दा डाल वियोगी नहीं बनो। प्रेम के
सागर की लहरों में लहराओ, गुणगान करो लेकिन घायल नहीं बनो। बाप के स्नेह का
प्रत्यक्ष स्वरूप सेवा के स्नेही बनो।
स्लोगन:-
अशरीरी स्थिति का अनुभव व अभ्यास ही नम्बर आगे आने का आधार है।
अपनी शक्तिशाली मन्सा
द्वारा सकाश देने की सेवा करो
हर समय, हर आत्मा के
प्रति मन्सा स्वत: शुभभावना और शुभकामना के शुद्ध वायब्रेशन वाली स्वयं को और दूसरों
को अनुभव हो। मन से हर समय सर्व आत्माओं प्रति दुआयें निकलती रहें। मन्सा सदा इसी
सेवा में बिजी रहे। जैसे वाचा की सेवा में बिजी रहने के अनुभवी हो गये हो। अगर सेवा
नहीं मिलती तो अपने को खाली अनुभव करते हो। ऐसे हर समय वाणी के साथ-साथ मन्सा सेवा
स्वत: होती रहे।