21-12-2025 प्रात:मुरली ओम् शान्ति 05.03.2008 "बापदादा" मधुबन
संगम की बैंक में
साइलेन्स की शक्ति और श्रेष्ठ कर्म जमा करो, शिवमन्त्र से मैं-पन का परिवर्तन करो
वरदान:-
सदा एकान्त और
सिमरण में व्यस्त रहने वाले बेहद के वानप्रस्थी भव
वर्तमान समय के
प्रमाण आप सब वानप्रस्थ अवस्था के समीप हो। वानप्रस्थी कभी गुड़ियों का खेल नहीं
करते हैं। वे सदा एकान्त और सिमरण में रहते हैं। आप सब बेहद के वानप्रस्थी सदा एक
के अन्त में अर्थात् निरन्तर एकान्त में रहो साथ-साथ एक का सिमरण करते हुए स्मृति
स्वरूप बनो। सभी बच्चों प्रति बापदादा की यही शुभ आश है कि अब बाप और बच्चे समान हो
जाएं। सदा याद में समाये रहें। समान बनना ही समाना है - यही वानप्रस्थ स्थिति की
निशानी है।
स्लोगन:-
आप हिम्मत का एक कदम बढ़ाओ तो बाप मदद के हजार कदम बढ़ायेंगे।
अव्यक्त इशारे - अब
सम्पन्न वा कर्मातीत बनने की धुन लगाओ
जैसे बाप के लिए सबके
मुख से एक ही आवाज निकलती है-“मेरा बाबा''। ऐसे आप हर श्रेष्ठ आत्मा के प्रति यह
भावना हो, महसूसता हो। हरेक से मेरे-पन की भासना आये। हरेक समझे कि यह मेरे
शुभचिन्तक सहयोगी सेवा के साथी हैं, इसको कहा जाता है - बाप समान, कर्मातीत स्टेज
के तख्तनशीन।
सूचनाः- आज मास का
तीसरा रविवार है, सभी राजयोगी तपस्वी भाई बहिनें सायं 6.30 से 7.30 बजे तक, विशेष
योग अभ्यास के समय अपने लाइट माइट स्वरूप में स्थित हो, भ्रकुटी के मध्य बापदादा का
आह्वान करते हुए, कम्बाइण्ड स्वरूप का अनुभव करें और चारों ओर लाइट माइट की किरणें
फैलाने की सेवा करें।