22-01-2025        प्रात:मुरली    ओम् शान्ति     "बापदादा"        मधुबन


“मीठे बच्चे - यह अनादि बना-बनाया ड्रामा है, यह बहुत अच्छा बना हुआ है, इसके पास्ट, प्रेजन्ट और फ्युचर को तुम बच्चे अच्छी तरह जानते हो''

प्रश्नः-
किस कशिश के आधार पर सभी आत्मायें तुम्हारे पास खींचती हुई आयेंगी?

उत्तर:-
पवित्रता और योग की कशिश के आधार पर। इसी से ही तुम्हारी वृद्धि होती जायेगी। आगे चलकर बाप को फट से जान जायेंगे। देखेंगे इतने ढेर सब वर्सा ले रहे हैं तो बहुत आयेंगे। जितनी देरी होगी उतनी तुम्हारे में कशिश होती जायेगी।

धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) विजय माला का दाना बनने के लिए बहुत अच्छा पुरुषार्थ करना है, बहुत मीठा बनना है, श्रीमत पर चलना है।

2) योग ही सेफ्टी के लिए ढाल है इसलिए योगबल जमा करना है। देही-अभिमानी बनने की पूरी कोशिश करनी है।

वरदान:-
“विशेष'' शब्द की स्मृति द्वारा सम्पूर्णता की मंजिल को प्राप्त करने वाले स्व परिवर्तक भव

सदा यही स्मृति में रहे कि हम विशेष आत्मा हैं, विशेष कार्य के निमित्त हैं और विशेषता दिखाने वाले हैं। यह विशेष शब्द विशेष याद रखो - बोलना भी विशेष, देखना भी विशेष, करना भी विशेष, सोचना भी विशेष...हर बात में यह विशेष शब्द लाने से सहज स्व परिवर्तक सो विश्व परिवर्तक बन जायेंगे और जो सम्पूर्णता को प्राप्त करने का लक्ष्य है, उस मंजिल को भी सहज ही प्राप्त कर लेंगे।

स्लोगन:-
विघ्नों से घबराने के बजाए पेपर समझकर उन्हें पार करो।

अपनी शक्तिशाली मन्सा द्वारा सकाश देने की सेवा करो

अभी मन्सा की क्वालिटी को बढ़ाओ तो क्वालिटी वाली आत्मायें समीप आयेंगी। इसमें डबल सेवा है - स्व की भी और दूसरों की भी। स्व के लिए अलग मेहनत नहीं करनी पड़ेगी। प्रालब्ध प्राप्त है, ऐसी स्थिति अनुभव होगी। इस समय की श्रेष्ठ प्रालब्ध है “सदा स्वयं सर्व प्राप्तियों से सम्पन्न रहना और सबको सम्पन्न बनाना''।