23-03-2025     प्रात:मुरली  ओम् शान्ति 02.11.2004 "बापदादा"    मधुबन


स्व-उपकारी बन अपकारी पर भी उपकार करो, सर्व शक्ति, सर्व गुण सम्पन्न सम्मान दाता बनो


वरदान:-
अलबेलेपन की नींद को तलाक देने वाले निद्राजीत, चक्रवर्ती भव

साक्षात्कार मूर्त बन भक्तों को साक्षात्कार कराने के लिए अथवा चक्रवर्ती बनने के लिए निद्राजीत बनो। जब विनाशकाल भूलता है तब अलबेलेपन की नींद आती है। भक्तों की पुकार सुनो, दुखी आत्माओं के दुख की पुकार सुनो, प्यासी आत्माओं के प्रार्थना की आवाज सुनो तो कभी भी अलबेलेपन की नींद नहीं आयेगी। तो अब सदा जागती ज्योत बन अलबेलेपन की नींद को तलाक दो और साक्षात्कार मूर्त बनो।

स्लोगन:-
तन-मन-धन, मन-वाणी-कर्म - किसी भी प्रकार से बाप के कर्तव्य में सहयोगी बनो तो सहजयोगी बन जायेंगे।

अव्यक्त इशारे - सत्यता और सभ्यता रूपी क्लचर को अपनाओ

जैसे बाप को “गाड इज़ ट्रूथ'' कहते हैं, सत्यता ही बाप को प्रिय है। सच्चे दिल पर साहेब राज़ी है। तो दिल तख्तनशीन सर्विसएबुल बच्चों के सम्बन्ध-सम्पर्क में, हर संकल्प और बोल में सच्चाई और सफाई दिखाई देगी। उनका हर संकल्प, हर वचन सत होगा।