23-04-2025 प्रात:मुरली ओम् शान्ति "बापदादा" मधुबन
“मीठे बच्चे - अब नाटक पूरा
होता है, वापिस घर जाना है, कलियुग अन्त के बाद फिर सतयुग रिपीट होगा, यह राज़ सभी
को समझाओ''
प्रश्नः-
आत्मा पार्ट
बजाते-बजाते थक गई है, थकावट का मुख्य कारण क्या है?
उत्तर:-
बहुत भक्ति
की, अनेक मन्दिर बनाये, पैसा खर्च किया, धक्के खाते-खाते सतोप्रधान आत्मा तमोप्रधान
बन गई। तमोप्रधान होने के कारण ही दु:खी हुई। जब किसी बात से कोई तंग होता है तब
थकावट होती है। अभी बाप आये हैं सब थकावट मिटाने।
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) सदा हर्षित रहने के लिए बुद्धि में पढ़ाई और पढ़ाने वाले बाप की याद
रहे। खाते पीते सब काम करते पढ़ाई पर पूरा ध्यान देना है।
2) बापदादा की दिल पर चढ़ने के लिए श्रीमत पर बहुतों को आप समान बनाने की सर्विस
करनी है। किसी को भी तंग नहीं करना है।
वरदान:-
अशरीरी पन के
इन्जेक्शन द्वारा मन को कन्ट्रोल करने वाले एकाग्रचित्त भव
जैसे आजकल अगर कोई
कन्ट्रोल में नहीं आता है, बहुत तंग करता है, उछलता है या पागल हो जाता है तो उनको
ऐसा इन्जेक्शन लगा देते हैं जो वह शान्त हो जाए। ऐसे अगर संकल्प शक्ति आपके
कन्ट्रोल में नहीं आती तो अशरीरीपन का इन्जेक्शन लगा दो। फिर संकल्प शक्ति व्यर्थ
नहीं उछलेगी। सहज एकाग्रचित हो जायेंगे। लेकिन यदि बुद्धि की लगाम बाप को देकर फिर
ले लेते हो तो मन व्यर्थ की मेहनत में डाल देता है। अब व्यर्थ की मेहनत से छूट जाओ।
स्लोगन:-
अपने
पूर्वज़ स्वरूप को स्मृति में रख सर्व आत्माओं पर रहम करो।
अव्यक्त इशारे -
“कम्बाइण्ड रूप की स्मृति से सदा विजयी बनो''
जैसे शरीर और आत्मा
दोनों कम्बाइन्ड होकर कर्म कर रही हैं, ऐसे कर्म और योग दोनों कम्बाइन्ड हों। कर्म
करते याद न भूले और याद में रहते कर्म न भूले क्योंकि आपका टाइटल ही है कर्मयोगी।
कर्म करते याद में रहने वाले सदा न्यारे और प्यारे होंगे, हल्के होंगे। नॉलेजफुल के
साथ-साथ पावरफुल स्टेज पर रहो। नॉलेजफुल और पावरफुल यह दोनों स्टेज कम्बाइन्ड हों
तब स्थापना का कार्य तीव्रगति से होगा।