23-05-2024        प्रात:मुरली    ओम् शान्ति     "बापदादा"        मधुबन


“मीठे बच्चे - तुम्हें कभी भी विघ्न रूप नहीं बनना है, अन्दर में कोई कमी हो तो उसे निकाल दो, यही समय है सच्चा हीरा बनने का''

प्रश्नः-
किस बात की डिफेक्ट आते ही आत्मा की वैल्यु कम होने लगती है?

उत्तर:-
पहला डिफेक्ट आता है अपवित्रता का। जब आत्मा पवित्र है तो उसकी ग्रेड बहुत ऊंची है। वह अमूल्य रत्न है, नमस्ते लायक है। इमप्योरिटी का थोड़ा भी डिफेक्ट वैल्यु को खत्म कर देता है। अब तुम्हें बाप समान एवर प्योर हीरा बनना है। बाबा आया है तुम्हें आप समान पवित्र बनाने। पवित्र बच्चों को ही एक बाप की याद सतायेगी। बाप से अटूट प्यार होगा। कभी किसी को दु:ख नहीं देंगे। बहुत मीठे होंगे।

धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) अपनी जांच करनी है कि हमारे में कोई अवगुण तो नहीं है? कहाँ तक हमारी याद बाप तक पहुँचती है? हमारा स्वभाव दैवी स्वभाव है? वृत्ति और तरफ भटकती तो नहीं है?

2) ऐसा लवली बनना है जो बाप को कशिश होती रहे। सबको सुख देना है। प्यार से बाप को याद करना है।

वरदान:-
साथी को सदा साथ रख सहयोग का अनुभव करने वाले कम्बाइन्ड रूपधारी भव

सदा “आप और बाप'' ऐसे कम्बाइन्ड रहो जो कोई भी अलग न कर सके। कभी अपने को अकेला नहीं समझो। बापदादा अविनाशी साथ निभाने वाले आप सबके साथी हैं। बाबा कहा और बाबा हाज़िर है। हम बाबा के, बाबा हमारा। बाबा आपकी हर सेवा मे सहयोग देने वाले है सिर्फ अपने कम्बाइन्ड स्वरूप के रूहानी नशे में रहो।

स्लोगन:-
सेवा और स्व-उन्नति दोनों का बैलेन्स हो तो सदा सफलता मिलती रहेगी।