24-01-2025 प्रात:मुरली ओम् शान्ति "बापदादा" मधुबन
“मीठे बच्चे - तुम एक बाप
के डायरेक्शन पर चलते चलो तो बाप तुम्हारा रेस्पॉन्सिबुल है, बाप का डायरेक्शन है
चलते-फिरते मुझे याद करो''
प्रश्नः-
जो अच्छे
गुणवान बच्चे हैं उनकी मुख्य निशानियां क्या होंगी?
उत्तर:-
वह कांटों को
फूल बनाने की अच्छी सेवा करेंगे। किसी को भी कांटा नहीं लगायेंगे, कभी भी आपस में
लड़ेंगे नहीं। किसी को भी दु:ख नहीं देंगे। दु:ख देना भी कांटा लगाना है।
गीत:-
यह वक्त जा रहा
है.....
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) एक बाप की याद से मोस्ट लवली बनना है। चलते फिरते कर्म करते याद में
रहने की प्रैक्टिस करनी है। बाप की याद और खुशी में प्रफुल्लित रहना है।
2) कदम-कदम ईश्वरीय डायरेक्शन पर चल हर कार्य करना है। अपनी मगरूरी (देह-अभिमान
का नशा) नहीं दिखाना है। कोई भी उल्टा-सुल्टा काम नहीं करना है। मूंझना नहीं है।
वरदान:-
साधारण कर्म
करते भी ऊंची स्थिति में स्थित रहने वाले सदा डबल लाइट भव
जैसे बाप साधारण तन लेते
हैं, जैसे आप बोलते हो वैसे ही बोलते हैं, वैसे ही चलते हैं तो कर्म भल साधारण है,
लेकिन स्थिति ऊंची रहती है। ऐसे आप बच्चों की भी स्थिति सदा ऊंची हो। डबल लाइट बन
ऊंची स्थिति में स्थित हो कोई भी साधारण कर्म करो। सदैव यही स्मृति में रहे कि
अवतरित होकर अवतार बन करके श्रेष्ठ कर्म करने के लिए आये हैं। तो साधारण कर्म
अलौकिक कर्म में बदल जायेंगे।
स्लोगन:-
आत्मिक
दृष्टि-वृत्ति का अभ्यास करने वाले पवित्रता को सहज धारण कर सकते हैं।
अपनी शक्तिशाली
मन्सा द्वारा सकाश देने की सेवा करो
जितना स्वयं को
मन्सा सेवा में बिज़ी रखेंगे उतना सहज मायाजीत बन जायेंगे। सिर्फ स्वयं के प्रति
भावुक नहीं बनो लेकिन औरों को भी शुभ भावना और शुभ कामना द्वारा परिवर्तित करने की
सेवा करो। भावना और ज्ञान, स्नेह और योग दोनों का बैलेन्स हो। कल्याणकारी तो बने हो
अब बेहद विश्व कल्याणकारी बनो।