24-04-2025 प्रात:मुरली ओम् शान्ति "बापदादा" मधुबन
“मीठे बच्चे - वैजयन्ती
माला में आने के लिए निरन्तर बाप को याद करो, अपना टाइम वेस्ट मत करो, पढ़ाई पर
पूरा-पूरा ध्यान दो''
प्रश्नः-
बाप अपने बच्चों
से कौन-सी एक रिक्वेस्ट करते हैं?
उत्तर:-
मीठे बच्चे,
बाप रिक्वेस्ट करते हैं - अच्छी रीति पढ़ते रहो। बाप के दाढ़ी की लाज़ रखो। ऐसा कोई
गंदा काम मत करो जिससे बाप का नाम बदनाम हो। सत बाप, सत शिक्षक, सतगुरू की कभी निंदा
मत कराओ। प्रतिज्ञा करो - जब तक पढ़ाई है तब तक पवित्र जरूर रहेंगे।
गीत:-
तुम्हें पाके
हमने जहाँ पा लिया है.........
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) सदा नशा रहे कि हम आज पढ़ते हैं कल क्राउन प्रिन्स-प्रिन्सेज बनेंगे।
अपनी दिल से पूछना है - हम ऐसा पुरुषार्थ करते हैं? बाप का इतना रिगार्ड है? पढ़ाई
का शौक है?
2) बाप के कर्तव्य में गुप्त मददगार बनना है। भविष्य के लिए अपना बैग-बैगेज
ट्रांसफर कर देना है। कौड़ियों के पीछे समय न गँवाकर हीरे जैसा बनने का पुरुषार्थ
करना है।
वरदान:-
मन-बुद्धि को
मनमत से फ्री कर सूक्ष्मवतन का अनुभव करने वाले डबल लाइट भव
सिर्फ संकल्प शक्ति अर्थात्
मन और बुद्धि को सदा मनमत से खाली रखो तो यहाँ रहते भी वतन की सभी सीन-सीनरियां ऐसे
स्पष्ट अनुभव करेंगे जैसे दुनिया की कोई भी सीन स्पष्ट दिखाई देती है। इस अनुभूति
के लिए कोई भी बोझ अपने ऊपर नहीं रखो, सब बोझ बाप को देकर डबल लाइट बनो। मन-बुद्धि
से सदा शुद्ध संकल्प का भोजन करो। कभी भी व्यर्थ संकल्प व विकल्प का अशुद्ध भोजन न
करो तो बोझ से हल्के होकर ऊंची स्थिति का अनुभव कर सकेंगे।
स्लोगन:-
व्यर्थ
को फुल स्टॉप दो और शुभ भावना का स्टॉक फुल करो।
अव्यक्त इशारे -
“कम्बाइण्ड रूप की स्मृति से सदा विजयी बनो''
अगर चलते-चलते कभी
असफलता या मुश्किल का अनुभव होता है तो उसका कारण सिर्फ खिदमतगार बन जाते हो। खुदाई
खिदमतगार नहीं होते। खुदा को खिदमत से जुदा नहीं करो। जब नाम है खुदाई खिदमतगार, तो
कम्बाइन्ड को अलग क्यों करते हो। सदा अपना यह नाम याद रखो तो सेवा में स्वत: ही
खुदाई जादू भर जायेगा।