24-07-2024 प्रात:मुरली ओम् शान्ति "बापदादा" मधुबन
“मीठे बच्चे - बाप से
होलसेल व्यापार करना सीखो, होलसेल व्यापार है मन्मनाभव, अल्फ को याद करना और कराना,
बाकी सब है रिटेल''
प्रश्नः-
बाप अपने घर
में किन बच्चों की वेलकम करेंगे?
उत्तर:-
जो बच्चे अच्छी
रीति बाप की मत पर चलते हैं और कोई को भी याद नहीं करते हैं, देह सहित देह के सभी
सम्बन्धों से बुद्धियोग तोड़ एक की याद में रहते हैं, ऐसे बच्चों को बाप अपने घर
में रिसीव करेंगे। बाप अभी बच्चों को गुल-गुल (फूल) बनाते, फिर फूल बच्चों की अपने
घर में वेलकम करते हैं।
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) जैसे बाप बच्चों पर वारी जाते हैं, ऐसे तन-मन-धन सहित एक बार बाप पर
पूरा कुर्बान जाकर 21 जन्मों का वर्सा लेना है।
2) बाप जो अविनाशी अनमोल खजाना देते हैं उससे अपनी झोली सदा भरपूर रखनी है। सदा
इसी खुशी व नशे में रहना है कि हम पद्मापद्म भाग्यशाली हैं।
वरदान:-
ब्राह्मण जीवन
की प्रापर्टी और पर्सनालिटी का अनुभव करने और कराने वाली विशेष आत्मा भव
बापदादा सभी ब्राह्मण बच्चों
को स्मृति दिलाते हैं कि ब्राह्मण बने - अहो भाग्य! लेकिन ब्राह्मण जीवन का वर्सा,
प्रापर्टी सन्तुष्टता है और ब्राह्मण जीवन की पर्सनालिटी प्रसन्नता है। इस अनुभव से
कभी वंचित नहीं रहना। अधिकारी हो। जब दाता, वरदाता खुली दिल से प्राप्तियों का खजाना
दे रहे हैं तो उसे अनुभव में लाओ और औरों को भी अनुभवी बनाओ तब कहेंगे विशेष आत्मा।
स्लोगन:-
लास्ट
समय का सोचने के बजाए लास्ट स्थिति का सोचो।