25-12-2024        प्रात:मुरली    ओम् शान्ति     "बापदादा"        मधुबन


“मीठे बच्चे - कदम-कदम श्रीमत पर चलना यही हाइएस्ट चार्ट है, जिन बच्चों को श्रीमत का रिगार्ड है वह मुरली जरूर पढ़ेंगे''

प्रश्नः-
तुम ईश्वर के बच्चों से कौन-सा प्रश्न कोई भी पूछ नहीं सकता है?

उत्तर:-
तुम बच्चों से यह कोई भी नहीं पूछ सकता कि तुम राज़ी खुशी हो? क्योंकि तुम कहते हो हम सदैव राज़ी हैं। परवाह थी पार ब्रह्म में रहने वाले बाप की, वह मिल गया बाकी किस बात की परवाह करनी, तुम भल बीमार हो तो भी कहेंगे हम राज़ी खुशी हैं। ईश्वर के बच्चों को किसी बात की परवाह नहीं। बाप जब देखते हैं इन पर माया का वार हुआ है तो पूछते हैं - बच्चे, राज़ी खुशी हो?

धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) डेड साइलेन्स की सच्ची-सच्ची रूहानी यात्रा करनी है। हम सो का मंत्र सदा याद रखना है, तब चक्रवर्ती राजा बनेंगे।

2) मन्सा-वाचा-कर्मणा बहुत शुद्ध रहना है। अन्दर कोई भी गन्दगी न हो। कदम-कदम पर सावधानी रखनी है। श्रीमत का रिगार्ड रखना है।

वरदान:-
निर्मानता के गुण को धारण कर सबको सुख देने वाले सुख देवा, सुख स्वरूप भव

आप महान आत्माओं की निशानी है निर्मानता। जितना निर्मान बनेंगे उतना सर्व द्वारा मान प्राप्त होगा। जो निर्मान है वह सबको सुख देंगे। जहाँ भी जायेंगे, जो भी करेंगे वह सुखदायी होगा। तो जो भी सम्बन्ध-सम्पर्क में आये वह सुख की अनुभूति करे इसलिए आप ब्राह्मण आत्माओं का गायन है - सुख के सागर के बच्चे सुख स्वरूप, सुख-देवा। तो सबको सुख देते और सुख लेते चलो। कोई आपको दु:ख दे तो लेना नहीं।

स्लोगन:-
सबसे बड़े ज्ञानी वह हैं जो आत्म-अभिमानी रहते हैं।